Board exam
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भोपाल। पांचवीं-आठवीं की परीक्षा में लापरवाही पर जिला शिक्षा अधिकारी नितिन सक्सेना ने डीपीसी सीमा गुप्ता को नोटिस जारी किया है। दरअसल, जिला शिक्षा अधिकारी सक्सेना ने बीती 13 मार्च को पांचवीं-आठवीं की परीक्षा को लेकर बीआरसीसी कार्यालय में बैठक आयोजित की थी। जिसमें डीपीसी सीमा गुप्ता अनुपस्थित रही। जबकि डीपीसी परीक्षा जिला स्तरीय कमेटी में सचिव सदस्य है।

डीईओ ने नोटिस जारी कर कहा है कि डीपीसी द्वारा पांचवीं-आठवीं की परीक्षा संबंधित कोई जानकारी नहीं दी गई है। यह राज्य शिक्षा केंद्र के निदेर्शों व परीक्षा कार्य जैसे कार्यों में लापरवाही है। जिले में कई परीक्षा केंद्र 9 किमी से भी ज्यादा दूरी पर बनाए गए है। जिससे छात्र-छात्राओं को दूरी के कारण परेशानी का सामना करना पड़ेगा। इस संबंध में तथ्यात्मक स्पष्टीकरण दें, अन्यथा कार्रवाई के लिए वरिष्ठ कार्यालय को लिखा जाएगा। बता दें कि राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा 25 मार्च से पांचवीं-आठवीं की बोर्ड पैटर्न पर परीक्षा आयोजित करवाई जा रही है।

निजी स्कूलों की मनमानी का विरोध

भोपाल। पुस्तकों में निजी स्कूलों की मनमानी को लेकर पालक महासंघ मप्र ने भोपाल कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में संघ ने कहा है कि राजधानी में बड़ी संख्या में निजी स्कूल संचालित हैं, जिसमें लगभग लाख बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं। इनमें से अधिकतर स्कूलों द्वारा निर्धारित किताबें एक निश्चित दुकानों से ही उपलब्ध होती हैं। स्कूलों द्वारा अनौपचारिक रूप से पालकों को निर्णारित दुकानों से किताबें एवं कापियां खरीदने के लिए बाध्य किया जा रहा है।

इस संबंध में स्कूलों की जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी को उपलब्ध कराई गई है। पालक महासंघ ने स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश सहित विभिन्न आदेशों को हवाला देते हुए मांग की है कि निजी स्कूलों को आदेशित किया जाए कि वह शपथ पत्र प्रस्तुत कर यह जानकारी उपलब्ध कराएं कि उनके द्वारा निर्धारित किताबें कम से कम 5 दुकानों में उपलब्ध हों। एनसीईआरटी द्वारा निर्धारित किताबों की संख्या में अतिरिक्त न हों एवं एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम के अनुसार हों।

स्कूली वाहनों निर्धारित करने की मांग –

पालक महासंघ मप्र ने क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के नाम ज्ञापन सौंपकर स्कूल बसों, वेन और ऑटो रिक्शा का किराया निर्धारित करने की मांग की है। महासंघ ने कहा है कि यह देखा गया है कि एक निश्चित दूरी के लिए अलग-अलग स्कूलों का किराया अलग-अलग है, जो प्रासंगिक प्रतीत नहीं होता है। इसलिए मप्र निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों के विनियमन) नियम 2020 के अनुपालन में स्कूल बसों, वैन, और ऑटो रिक्शा का किराया उनकी क्षमता के अनुसार पूरे संभाग के लिए एक समान दर से निर्धारित किया जाए।