Jaivardhan Singh press conference
Jaivardhan Singh press conference

भोपाल। कांग्रेस कार्यालय में पूर्व मंत्री एवं विधायक जयवर्धन सिंह ने एक पत्रकार वार्ता में कहा कि बीते वर्षो भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने मप्र के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को घोषणावीर की उपाधि दी थी। जयवर्धन सिंह ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री के वक्तव्य और व्यवहार में जमीन आसमान का अंतर रहता है, वे जहां जाते है अपने पुराने वायदों पर पानी फेरते जाते हैं और नई घोषणाएं करते जाते हैं।

मप्र में कल प्रदेश का बजट घोषित किया जायेगा, नई योजनाएं और वायदों का दिक्षेय पीटा जायेगा, तब हमने बीते वर्ष 2021-22 के बजट के एप्रोपिएशन अकाउंट, जिसका मूल्यांकन 6 दिसम्बर 2022 को किया है, का अध्ययन किया तथा केंद्र प्रायोजित योजनाएं जिससे प्रदेश का समावेशी विकास सुनिश्चित होता है का मूल्यांकन किया, तब भाजपा सरकार के तथाकथित विकास की झेल की पोल खुल गई।

बजट 2021-22 का मूल्यांकन-

मप्र की भाजपा सरकार ने मप्र के विकास के लिए अपने बजट में (सप्लीमेंट्री सहित) 2 लाख 82 हजार 779.6 करोड़ रुपये से प्रदेश के विकास का विज्ञेय पीटा था। रास्ते चलते शिवराज जी झूठी घोषणाएं करते थे और वक्त-बेवक्त योजनाओं के नारियल फोड़ देते थे।

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जयवर्धन सिंह ने कहा कि गरीबों के विकास की योजनाओं पर सीधा आघात किया गया।

महिला एवं बाल विकास विभाग करोड़ रू. खर्च ही नहीं किए-

महिला एवं बाल विकास विभाग 610.8 करोड़ रू. खर्च ही नहीं किये गये। और उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसानों, आदिवासी भाईयों, दलितों, पिछड़ों महिलाओं, बच्चों सब के विकास के साथ कुत्रराघात किया गया और प्रदेश के मुख्यमंत्री लगातार झूठी घोषणाएं करते रहे। केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकारें प्रदेश के विकास को किस प्रकार गर्त में डाल रही है, यह चौकाने वाले तथ्य उजागर हुए हैं।

राज्य सरकार भी अपने हिस्से की अनुपातिक राशि खर्च नहीं करती

अर्थात लगभग 50 प्रतिशत राशि वर्ष अंत होने के दो माह पहले तक भी नहीं भेजी। केंद्र की ग्रांट नहीं मिलने का आशय यह है कि राज्य सरकार भी अपने हिस्से की अनुपातिक राशि खर्च नहीं करती। अर्थात एक अनुमान के तौर पर इस राशि में से लगभग 22 से 23 हजार करोड़ रु. खर्च ही नहीं किये गये।

महिला एवं बाल विकास विभाग 58.99 प्रतिशत, कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग कोई राशि जारी नहीं की गई है। उपरोक्त तथ्यों से यह स्पष्ट है कि भाजपा सरकारों ने खोखले विज्ञापनों, झूठी घोषणाओं और बड़बोले भाषणों से मप्र के विकास को गर्त में डाल दिया है।