भोपाल। चुनावी मौसम शुरू होते होते प्रदेश की राजनीति में उथल पुथल का दौर शुरू हो गया है। जहां भाजपा अपने अगले कार्यकाल को बरकरार रखने और सहेजने के लिए बदलाव की तरफ बढ़ गई है। वहीं, भाजपा की बेदखली में ताकत झोंकने के लिए कांग्रेस ने छोटे दलों के साथ तालमेल मिलाना शुरू कर दिया है।

मप्र के शिवराज मंत्रिमंडल में फेरबदल अगले महीने फरवरी में होना तय हो गया है। चौंकाने वाली खबर यह आ रही है कि लगभग आधे मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है। इनमें अनेक सिंधिया समर्थक मंत्री भी शामिल हैं। भाजपा हाईकमान ने अगला चुनाव शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में लड़ने का मन बना लिया है। प्रदेश में सत्ता विरोधी माहौल से निपटने मप्र के विवादास्पद मंत्रियों को घर बिठाने का फैसला कर लिया है। पार्टी गोपनीय रिपोर्ट के आधार पर जिन मंत्रियों को हटाने जा रही है, उन्हें अगले चुनाव में टिकट भी नहीं दिया जाएगा। सूत्रों के अनुसार मंत्रिमंडल में नये, सक्रिय व बेदाग चेहरों को जगह मिलेगी। क्षेत्रीय व जातिगत समीकरण भी साधने का प्रयास किया जाएगा। खबर आ रही है कि इस फेरबदल से सिंधिया खेमे को तगड़ा झटका लग सकता है।

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कांग्रेस और आप की जुगलबंदी

वैसे तो मप्र में आम आदमी पार्टी का खास असर नहीं है, फिर भी हरदा में आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष आनन्द जाट ने मप्र के कृषि मंत्री कमल पटेल को खुली चुनौती दे दी है। जाट ने पांच दिन जेल में रहने के बाद फेसबुक पर वीडियो जारी कर कमल पटेल के खिलाफ तगड़ा मोर्चा खोलने की चेतावनी दी है। जाट का आरोप है कि कमल पटेल और उनके बेटे ने झूठे केस में फंसाकर उसे जेल भेजा था। मजेदार बात यह है कि हरदा में कांग्रेस के पूर्व विधायक राजेन्द्र दोगने भी खुलकर आनन्द जाट के पक्ष में उतर आए हैं। आनन्द को गलत तरीके से पांच दिन जेल में रखने के लिए कमल पटेल को जिम्मेदार बता रहे हैं।