discussion on budget
discussion on budget

भोपाल। प्रदेश विधानसभा में एक मार्च को प्रदेश सरकार ने तीन लाख 14 हजार 25 करोड़ का बजट प्रस्तुत किया है। 13 मार्च से विधानसभा में बजट पर चर्चा शुरू होने जा रही है। इसी बीच अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान बजट पर संभाग स्तरीय परिचर्चा और जनसंवाद का आयोजन कर रहा है। शुक्रवार को राजधानी भोपाल में पहले संभाग स्तरीय बजट परिचर्चा और जनसंवाद को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संबोधित किया।

भोपाल में -बड़े तालाब के एक सिरे से केबल कार चले और एयरपोर्ट पर उतार दे-

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि बड़े शहरों में सड़कों पर यातायात के बोझा को कम करने के लिए हमारी कोशिश है कि रोप वे और केबल कार का उपयोग करें। मैं चाहता हूं कि भोपाल में बड़े तालाब के एक सिरे से केबल कार चले और एयरपोर्ट पर उतार दे। मैंने उज्जैन में रोपवे का काम शुरू कर दिया है। उज्जैन रेलवे स्टेशन पर उतरकर रोपवे से श्रद्धालु सीधे महाकाल मंदिर परिसर तक पहुंच जाएंगे। प्रदेश की जनता जनता को बजट समझाने के लिए ग्राम सभाएं की जाएं। गांव-गांव में बैठकें करके जनता को बजट समझाया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अक्सर बजट बड़ा रूखा-सूखा विषय होता है। जनता समझती है कि हमारा इससे क्या लेना-देना, यह तो विशेषज्ञों का काम है। हमारा प्रयास है कि बजट बनाने में भी जनता की सहभागिता होनी चाहिए। इसलिए मैंने इस वर्ष का बजट बनाने के लिए जनता से सुझाव लिए। 4,000 से ज्यादा सुझाव जनता के बीच से आए और हमने ज्यादातर सुझावों को क्रियान्वित किया है। आर्थिक सर्वेक्षण के आंकड़े बताते हैं कि अगर सार्थक प्रयास किये जाएं, तो चुनौतियों को कामयाबी में बदला जा सकता है।

हमारी आर्थिक विकास दर 18 प्रतिशत के पार थी, इसके ऊपर इस बार हमने 16.4 प्रतिशत की दर अर्जित की है। 2001-02 में तो यह केवल 3-4 प्रतिशत थी। 2002-03 में सकल घरेलू उत्पाद 71 करोड़ के आसपास था। 2022-23 में हमारा सकल घरेलू उत्पाद 13,22,821 करोड़ रुपये है। पर कैपिटा इनकम यानी प्रति व्यक्ति आय 2002-03 में 11 हजार रुपये थी जो 2022-23 में बढ़कर यह 1,40,583 रुपये हो गई है। मैं अभी संतुष्ट नहीं हूं, हमें और आगे जाना है। कृषि, ग्रामीण विकास, उद्योग, व्यापार, सामाजिक-आर्थिक विकास, कौशल विकास, सुशासन, विज्ञान प्रोद्योगिकी जैसे अनेक विषय हैं, जिनमें प्रदेश ने अच्छा प्रदर्शन किया है।

शिवराज और सिंधिया ने माधव राष्ट्रीय उद्यान में छोड़े टाइगर

नियमों के तहत ही ऋण लिया है-

मुख्यमंत्री ने विपक्षी पार्टी का बिना नाम लिए कहा कि कई बार आरोप लगाया जाता है कि कर्ज ले लिया, लेकिन ऋण लेने के कुछ मापदंड होते हैं, कुछ आधार होते हैं। 2005 में ऋण जीएसडीपी का अनुपात था 39.5 प्रतिशत, लेकिन 2020-21 में यह घटकर 22.6प्रतिशत हो गया। ज्ञात हो कि कांग्रेस नेता आए दिन प्रदेश सरकार पर कर्ज लेने के आरोप लगाते रहते हैं। उन्होंने कहा कि एक इन्डिकेटर होता है कि कैपिटल एक्सपेन्डिचर क्या है।

कोविड के कठिन समय में भी हमारा पूंजीगत व्यय 45,685 करोड़ था। जीएसटी में इस साल 22 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, हम देश के टॉप 5 प्रदेश में हैं। किसानों को ऋण में 30.1 प्रतिशत और एमएसएमई को ऋण में 30.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 2001-02 तक कृषि विकास दर केवल 3 प्रतिशत थी, अब बढ़कर 19प्रतिशत हो गई है।

भाजपा सरकार ने औद्योगिक विकास दर को 0.6 से 24 प्रतिशत तक ले गई-

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश को पहले बीमारू राज्य कहा जाता था। विकास दर और औद्योगिक विकास दर बहुत कम थी। प्रति व्यक्ति आय भी बहुत कम थी। लेकिन जब से प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी है, राज्य लगातार प्रगति के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। 2013-14 में गेहूं उत्पादन 174.8 लाख मीट्रिक टन था, 2022-23 में यह बढ़कर 352.7 लाख मीट्रिक टन हो गया। गेहूं के निर्यात में हमने 46 प्रतिशत की वृद्धि हासिल की।

धान का उत्पादन 53.2 लाख मीट्रिक टन था, जो बढ़कर 131.8 लाख मीट्रिक टन हो गया। जब हमने सरकार संभाली, तब सिंचाई क्षमता साढ़े 7 लाख हेक्टेयर थी, हमने इसे बढ़ाकर 45 लाख हेक्टेयर किया है और 65 लाख हेक्टेयर करने का काम चल रहा है। औद्योगिक विकास दर -0.6 प्रतिशत थी, जो 2022-23 में बढ़कर 24 प्रतिशत हो गई है।

कुशल वित्तीय प्रबंधन बताता है यह बजट-

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में भी हमने प्रति व्यक्ति आय, प्रदेश की विकास दर को कम नहीं होने दिया। इस साल का जो बजट है, वो हमारे कुशल वित्तीय प्रबंधन की तरफ इशारा करता है। अब हम तीन लाख करोड़ के क्लब में शामिल हो गए हैं, इस साल हमारा बजट 3,14,025 करोड़ का है।

अपना प्रदेश देश के टॉप पांच राज्यों में शामिल हो गया है। हमारा राजकोषीय घाटा 55,709 करोड़ रुपये अनुमानित है, जो हमारे जीएसडीपी के 4 प्रतिशत की सीमा में है, जो भारत सरकार अलाऊ करती है। ऋण जीएसडीपी अनुपात 2002-03 में 31.6 प्रतिशत था, वो घटकर इस साल अनुमान है 27.8 प्रतिशत रहने का। कैपिटल एक्सपेन्डिचर बढ़ाकर हमने 56,256 करोड़ रुपये रखा है।

एक लाख करोड़ बहन-बेटियों के लिए-

लोगों को बजट समझाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने निर्णय लिया कि इस बार हम सेक्टरवाइस प्रावधान करेंगे। एक तरफ सड़क, बिजली पानी के लिए पर्याप्त प्रावधान और दूसरी तरफ कल्याणकारी योजनाओं का प्रावधान किया है। इस साल हमने मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना बनाई।

1,02,976 करोड़ रुपये हम मां-बहन-बेटी पर खर्च कर रहे हैं। यह फ्री में बांटने की योजना नहीं है। हमने एक प्रयोग किया था बैगा, भारिया और सहरिया जनजाति को आहार अनुदान राशि देने का और इसका असेसमेंट किया। आपको जानकर सुखद आश्चर्य होगा कि पोषण का स्तर बढ़ गया, इसलिए हमने लाड़ली बहना योजना लागू की है।