भोपाल। आने वाले एक अप्रैल से प्रदेश के 15 साल पुराने सरकारी वाहन कबाड़ हो जाएंगे। 15 साल पूरा होने वाले वाहनों का रजिस्ट्रेशन रिन्यू नहीं किया जाएगा। यानी एक अप्रैल के बाद 15 साल से अधिक पुराने हो चुके सरकारी वाहनों को कबाड़ घोषित कर दिया जाएगा। उन वाहनों को स्क्रैप एजेंसी में देकर कबाड़ कराना होगा।
वहीं वाहन चालक जल्द ही घर बैठे अपने ड्राइविंग लाइसेंस डाक द्वारा प्राप्त कर सकेंगे। यह निर्णय परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत की अध्यक्षता में संपन्न हुई बैठक में लिया गया है। मंगलवार को परिवहन मंत्री राजपूत ने विभागीय समीक्षा में निर्देश दिए हैं कि क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय से दूर दराज रहने वाले आवेदक अपना ड्रायविंग लायसेंस स्पीड पोस्ट से घर बैठे प्राप्त कर करें, ऐसी सुविधा विभाग जल्द शुरू करे।
परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा –
मंत्री के निर्देश के बाद अब ग्रामीण एवं दूरदराज क्षेत्रों में रहने वाले आवेदकों को ड्रायविंग लायसेंस लेने के लिए आरटीओ कार्यालय के चक्कर नहीं लगाना पड़ेंगे। अब उन्हें काउन्टर से लायसेंस प्राप्त करने के साथ परिवहन विभाग स्पीड पोस्ट से ड्रायविंग लायसेंस उनके घर भिजवाएगा। आवेदक को अपना आवेदन करते समय उसमें दोनों ऑप्शन में से एक चुनना होगा। स्पीड पोस्ट का व्यय आवेदक को स्वयं वहन करना होगा।
परिवहन मंत्री मंगलवार को मंत्रालय में परिवहन विभग की समीक्षा कर रहे थे। प्रमुख सचिव परिवहन फैज अहमद किदवई एवं परिवहन आयुक्त संजय कुमार झा भी उपस्थित थे। परिवहन मंत्री राजपूत ने कहा कि 15 वर्ष पुराने शासकीय वाहन अब 1 अप्रैल तक ही मान्य होंगें। संबंधित विभागों को अपने वाहन मान्यता प्राप्त स्क्रेपिंग एजेन्सी में स्क्रैप कराना होंगे। उन्होंने बताया कि वर्तमान में लगभग चार हजार शासकीय वाहन 15 वर्ष से अधिक पुराने हैं।
नए कर आम आदमी के लिए काफी लचीले-
परिवहन मंत्री राजपूत ने कहा कि परिवहन नीति में नए टेक्स आमजन के लिए काफी लचीले और फायदेमंद होंगे। इससे जहां शासन के खाते में राजस्व की वृद्धि होगी वहीं वाहन मालिक भी इससे लाभान्वित होंगे। प्रमुख सचिव परिवहन किदवई ने बताया कि कई स्वरूप में बसों के ऑल इंडिया परमिट के लिए प्रति सीट टैक्स में कमी का प्रस्ताव रखा गया।
इसी प्रकार राज्य के बाहर से आने वाली ऐसी बसें जो फैक्ट्री में स्टाफ को लाने ले जाने के लिए अनुबंधित हैं, पर टैक्स का प्रावधान रखा गया है अभी तक इस प्रकार के वाहनों पर कोई टैक्स नहीं लिया जाता। इसी प्रकार की स्कूल बसों पर प्रति सीट प्रति वर्ष की दर से टैक्स का प्रावधान रखा गया है।