भोपाल। चीन में कोरोना के नए वैरिएंट बीएफ-7 क कारण मचे हाहाकार के बाद दुनिया भर सतर्क है। मप्र में भी कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए अस्पतालों में उपचार के इंतजाम किए जा रहे हैं। इस बढ़ते खतरे के बावजूद मप्र में कोरोना के बूस्टर डोज से 74 फीसदी लोग अभी अछूते हैं।
मप्र में 18 साल से अधिक उम्र के 5 करोड 40 लाख 36 हजार लोगों ने वैक्सीन के दो टीके लगवाए लेकिन बूस्टर डोज महज 1 करोड 36 लाख 48 हजार लोगों ने ही लगवाया। यानि दो डोज लगवाने वालों की तुलना में महज 25.46% लोगों ने ही बूस्टर डोज लगवाया।
किशोरों के टीकाकरण की स्थिति-
प्रदेश में 12 से 14 साल के लक्षित 30 लाख 44 हजार किशोरों में से 24 लाख 11 हजार किशोरों ने कोरोना का एक डोज लगवाया। वहीं दूसरा टीका लगवाने के लिए 17 लाख किशोर ही पहुंचे। यानि किशोरों की लक्षित आबादी में से 80 फीसदी ने ही पहला टीका और 70 फीसदी किशोरों ने दो टीके लगवाए।
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खतरे की आहट मिली तो बढ़ा टीकाकरण-
दुनियां में जैसे ही कोरोना के नए खतरे की आहट मिली तो सरकारें और आम लोग सावधान होने लगे। मप्र में पिछले दो हफ्तों में औसतन एक हजार लोग टीकाकरण करा रहे थे वहीं 21 दिसंबर से ये आंकड़ा बढ़ा अब रोजाना डे़ढ़ हजार लोग टीकाकरण करा रहे हैं।
10 जिलों में कोवैक्सीन का स्टॉक खत्म-
कोरोना के नए संकट के बीच वैक्सीन की कमी भी बड़ी चुनौती बन रही है। टीकाकरण शाखा की मानें तो प्रदेश के दस जिले ऐसे हैँ जहां कोवैक्सीन खत्म हो चुकी है। सतना, सिंगरौली, होशंगाबाद, सीहोर, सीधी, पन्ना, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया में कौवैक्सीन के एक भी डोज स्टॉक में उपलब्ध नहीं हैं।