Lokayukta Trap : दमोह जिला स्थित नरसिंहगढ़ में स्कूल शिक्षक घनश्याम अहिरवार को लोकायुक्त टीम ने पांच हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा है। शिक्षक द्वारा छात्रा को परीक्षा में नकल कराने के लिए उसके पिता से 5 हजार रुपए की रिश्वत ली जा रही थी।

लोकायुक्त डीएसपी प्रफुल्ल श्रीवास्तव ने बताया कि ग्राम देवालय तहसील पथरिया जिला दमोह निवासी रामू पिता नन्हेभाई रैकवार की बेटी को परीक्षा में नकल कराने व अच्छे नंबरों से पास कराने के लिए शासकीय उच्चतर माध्यमिक स्कूल नरसिंहगढ़ के शिक्षक घनश्याम पिता पन्नालाल अहिरवार ने 7 हजार रुपए रिश्वत की मांग की। दो हजार पहले ले लिए इसके बाद पांच हजार रुपए की मांग कर रहा था। शिक्षक घनश्याम द्वारा मांगी जा रही रिश्वत की शिकायत रामू रैकवार ने सागर लोकायुक्त एसपी से की।

CM नहीं मनाएंगे अपना जन्मदिन, जनता से की यह महत्वपूर्ण अपील

और भी छात्राओं से लिए हैं पैसे

इसके बाद आज रामू रैकवार ने नरसिंहगढ़ के सीतानगर तिराहा पहुंचकर शिक्षक घनश्याम अहिरवार को पांच हजार रुपए की रिश्वत दी। तभी सागर लोकायुक्त टीम के डीएसपी प्रफुल्ल श्रीवास्तव, बीएम द्विवेदी, प्रधान आरक्षक अजय क्षेत्रीय, आरक्षक आशुतोष व्यास, सुरेन्द्रसिंह, संजीव अग्रिहोत्री व संतोष गोस्वामी ने दबिश देकर रंगे हाथ पकड़ लिया। शिक्षक घनश्याम अहिरवार के रिश्वत लेते हुए पकड़े जाने की खबर से हड़कंप मच गया, जिसने भी सुना स्तब्ध रह गया। खबर यह भी है कि एमपी माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित हाई स्कूल व हायर सेकंडरी की परीक्षाओं में नकल कराने के लिए शिक्षक घनश्याम अहिरवार ने और भी कई छात्राओं के परिजनों से रुपए लिए हैं। इन सभी की जांच भी शुरू कर दी गई है।

‘गृहमंत्री ने सदन में की मुझे मारने की कोशिश’, इस नेता ने लगाया बड़ा आरोप

भोपाल। मध्य प्रदेश की विधानसभा में बजट सत्र के 5वें दिन भी खूब हंगामा हुआ। कांग्रेस ने विधानसभाध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाए तो वहीं, नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा पर पुस्तक फेंक कर मारने का इल्जाम लगाया। कांग्रेस MLA जीतू पटवारी को बजट सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किए जाने से पूरी पार्टी लामबंद हो गई है।

राज्य अध्यक्ष कमलनाथ की उपस्थिति में पार्टी विधायकों की बैठक में विधानसभाध्यक्ष गिरीश गौतम के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला हुआ था उसी के अनुसार, शुक्रवार को कांग्रेस ने सदन में अविश्वास प्रस्ताव रखा जिस पर खूब हंगामा हुआ। इसी के चलते नेता प्रतिपक्ष सिंह ने संसदीय कार्य मंत्री मिश्रा पर पुस्तक फेंक कर मारने का आरोप लगाया।

नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने विधानसभा के प्रमुख सचिव को चिट्ठी लिखकर कहा कि 3 मार्च को सदन के भीतर कांग्रेस पक्ष के सदस्य मेरे नेतृत्व में अध्यक्ष के खिलाफ दिए गए संकल्प पर वार्ता कराए जाने की मांग कर रहे थे। इसी के चलते संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल करते हुए आवेश में आकर मध्यप्रदेश विधानसभा प्रक्रिया तथा संचालन संबंधी नियम की पुस्तिका को मेरे ऊपर हमला बोलते हुए फेंक कर मारी जो कि मेरे टेबल के सामने आकर गिरी। अपनी चिट्ठी में नेता प्रतिपक्ष ने आगे लिखा है कि संसदीय कार्य मंत्री मिश्रा का यह आचरण असंसदीय है, विधानसभा के इतिहास में नेता प्रतिपक्ष के ऊपर इस तरह का हमला किया जाना बहुत अपमानजनक है। उनका यह कृत्य सदन की अवमानना के साथ ही विपक्ष के सदस्यों के साथ साथ मेरे विशेष अधिकारों का हनन किया जाना की परिधि में आता है, इसलिए संसदीय कार्य मंत्री के उक्त कृत्य के लिए उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन की सूचना देता हूं। वहीं, नेता प्रतिपक्ष के आरोपों पर मिश्रा ने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि चपरासी को बीच से हटाने के चलते पुस्तक गिर गई।