भोपाल। प्रदेश में शराबबंदी की मांग कर रही पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती द्वारा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखे पत्र से एक बार फिर सियासी पारा चढ़ गया है। उमा का पत्र ऐेसे समय में सामने आया है, जब आबकारी विभाग नई शराब नीति तैयार करने के अंतिम पृष्ठ तक पहुंच गया है। उमा ने मुख्यमंत्री को दिए परामर्श में बताया कि नई शराब नीति ऐसी हो, जिससे लोग शराब पीने से हतोत्साहित हों।

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बता दें कि, शराब नीति को लगातार सवाल उठाती रहीं उमा भारती बीते दिनों एक मंदिर पर धरने पर बैठ गई हैं। इस बीच चुनावी साल में उन्होंने जो सुझाव मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को दिए हैं, जाहिर है इससे मुख्यमंत्री शिवराज की टेंशन बढ़ गई है।

मप्र शराब नीति पर आदर्श राज्य बन सकता है

उमा ने अहातों में शराब पर पाबंदी लगाने। शिक्षण संस्थाओं से शराब दुकान की दूरी एक किमी, धार्मिक स्थलों, मजदूर बस्ती, अस्पताल, कोर्ट, बस अड्डा से दूरी आधा किमी करने। शराब की दुकान एवं बोतल पर शराब की बुराईयां लिखें। उमा न लिखा कि इससे राजस्व घटेगा, लेकिन प्रदेश के लोगों की भलाई जरूरी है। भाजपा शासित राज्यों में मप्र शराब नीति पर आदर्श राज्य बन सकता है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर पूरा भरोसा

उमा भारती ने कहा कि मुझे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर पूरा भरोसा है। मैं 31 जनवरी को नई शराब नीति के बारे में फैसले का इंतजार करूंगी। बीजेपी नेता ने कहा कि वह नहीं चाहतीं कि उनके रुख से कांग्रेस को फायदा हो। उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी नीत प्रदेश सरकार नियंत्रित शराब वितरण प्रणाली लागू करती है। बीजेपी 2003 में प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव की तरह इस साल नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी अपनी रिकॉर्ड जीत को दोहराएगी