भोपाल। चुनावी घमासान से पहले ही मुख्यमंत्री शिवराज और पूर्व सीएम कमलनाथ एक-दूसरे पर हमलावर हो गए। सीएम ने कमलनाथ के लिए कहा कि उनके नेता ही उनके तोते उड़ा रहे हैं। इसके जवाब में कमलनाथ का भी पलटवार आया। उन्होंने मुख्यमंत्री के लिए कहा कि आप तो रोज अपना मजाक उड़वाने के लिए ऊटपटांग बातें करने लगते हैं। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कमलनाथ झूठे वादे कर सत्ता में आए। उन्होंने कमलनाथ और कांग्रेस को ‘झूठा’ कहा। इसके जवाब में कमलनाथ ने भी मुख्यमंत्री से सवाल करते हुए कहा कि प्रदेश के किसी एक भी किसान को 90% सब्सिडी मिली तो आप (मुख्यमंत्री) जनता को बता दें। आप पद की गरिमा और गंभीरता को समझिए।

शिवराज बोले, कमलनाथ फिर ट्विटर की चिड़िया उड़ाएंगे

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि 2018 में कई झूठे वादे करके, जितने समझ में आए, सब वचनपत्र में लिख दिए गए और जिन वादों को पूरा करने का वचन देकर सत्ता में आए, उनमें से कोई पूरा नहीं किया। यही सच मैं जनता के सामने उजागर करना चाहता हूं कि कांग्रेस झूठ बोलती है, कमलनाथ झूठ बोलते हैं। जो कहते हैं, वो कभी नहीं करते। इसलिए एक भी सवाल का जवाब नहीं दिया। वे इधर-उधर की बातें कर सवालों से बचते हैं, लेकिन जनता के बीच में सच उजागर करना हमारी ड्यूटी है।

अब राकेश टिकैत से मिली बागेश्वर धाम सरकार को ये बड़ी चुनौती…

2018 के वचनपत्र में कमलनाथ जी आपने लिखवाया था कि आर्थिक कृषि यंत्र, जिनकी लागत 2 लाख रुपए तक है, पर 50% अनुदान दिया जाएगा। सवा साल में आपने कितना अनुदान दिया, ये तो बता दो? एक धेला नहीं दिया। अनुदान देने की तो दूर की बात है, कई योजनाओं के अनुदान बंद कर दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे पता है कि वे (कमलनाथ) फिर से ट्विटर की चिड़िया उड़ाएंगे। हालांकि, उनके नेता ही आजकल उनके हाथ के तोते उड़ा रहे हैं। हाथ जोड़ते हुए तो कहीं दिख नहीं रहे हैं, लेकिन आपस में जरूर युद्ध शुरू हो गया है।

पद की गरिमा और गंभीरता को समझिए : नाथ

मुख्यमंत्री के सवाल पर कमलनाथ ने भी पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि शिवराज जी भारतीय जनता पार्टी ने अपने घोषणापत्र में घोषणा की थी कि सभी किसानों को जीरो टिल सीड ड्रिल और हैपी टर्बो सीडर्स पर 90% सब्सिडी दी जाएगी, ताकि कटाई में विलंब के कारण दूसरी फसल पर असर ना पड़े। प्रदेश के किसी एक भी किसान को 90% सब्सिडी मिली हो तो आप जनता को बता दें। आप तो रोज अपना मजाक उड़वाने के लिए ऊटपटांग बातें करने लगते हैं। पद की गरिमा और गंभीरता को समझिए।