सारांश टाईम्स, भोपाल
इंदौर में पकड़ी गई सोनू मंसूरी के संबंध प्रतिबंधित संगठन पीएफआई से होने की जानकारी सामने आने के बाद मध्यप्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री ने कहा कि, इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया गया है। इस मामले में ऐसी कार्यवाही की जाएगी की पीएफआई जैसे संगठन फिर कभी प्रदेश में सर नहीं उठा सकेंगे। गृह मंत्री ने कहा की पूछताछ के दौरान सोनू मंसूरी ने खुद ही स्वीकार कर लिया है कि, वह प्रतिबंधित पीएफआई और पीस पार्टी के लिए काम कर रही है।
नजीर बनेगी कार्यवाही
गृहमंत्री ने बताया कि, इस मामले में सोनू मंसूरी के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया गया है। वहीं, इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पता लगाया जा रहा है की लड़की के साथ और कौन-कौन जुड़े हैं। गृह मंत्री ने कहा की प्रदेश कि शांति भंग करने वालों के खिलाफ पहले भी सख्त थे आज भी हैं। प्रतिबंधित संगठन पीएफआई हो या अन्य कोई संगठन इसके साथ जो भी खड़ा होगा उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। शांति भंग करने का प्रयास करने वालों के खिलाफ ऐसी कार्यवाही की जाएगी की वह नजीर बनेगी।
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वीडियो बनाते हुए पकड़ा था
गौरतलब है कि, इंदौर शहर में फिल्म पठान का विरोध प्रदर्शन करने के दौरान हुई घटनाओं में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तार किए गए कायकर्ताओं को जब कोर्ट मेंं पेश किया गया तब एक संदिग्ध महिला को फोटो खींचते और वीडियो बनाते पकड़ा गया था, यह महिला कोई और नहीं बल्कि सोनू मंसूरी ही थी। पकड़े जाने के बाद उससे पूछताछ की गई, पूछताछ के दौरान उसने बताया की महिला अधिवक्ता नूरजहां खान के कहने पर उसने यह काम किया है। यह वीडियो इस्लामिक पॉलिटिकल ऑर्गेनाइजेशन (पीएफआई) को भेजे जाने थे।
राहुल गाँधी बताएं-उन्हें कहाँ भारत टूटता हुआ दिखाई दिया
भोपाल। राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा का आज श्रीनगर में समापन हो गया। समापन को लेकर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने एक बार फिर यात्रा पर निशाना साधा है। मीडिया से चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को पीएम मोदी और अमित शाह का आभार व्यक्त करना चाहिए।
गृह मंत्री ने कहा कि धारा 370 हटने के बाद इतनी शांति से उनकी यात्रा का न सिर्फ समापन हुआ, बल्कि झंडा भी फहराया है। जब दिल्ली में उनकी सरकार थी तो हमारे नेता जोशी जी की यात्रा में रॉकेट लॉन्चर छोड़े जाते थे। झंडा तक फैराने नहीं दिया जाता था। उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि जिन नाम से उन्होंने यात्रा निकाली आखिर उसकी सार्थकता क्या थी। उन्हें कहाँ भारत टूटता हुआ दिखाई दिया।