नई दिल्ली। भारत में जासूसी के आरोपों में घिरे पेगासस स्पायवेयर को बनाने वाली इजरायली कंपनी एनएसओ(NSO) ग्रुप लिमिटेड कर्ज में डूब रही है और इसकी बजह से दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गई है। जानकारों के मुताबिक, इस खतरे को देखते हुए कंपनी पेगासस स्पायवेयर को बंद करने और कंपनी को बेचने के लिए खरीददार की खोज है।

सूत्रों के अनुसार कंपनी ने कई इन्वेस्टमेंट फंड से बात की है, जिसमें फाइनेंस में मदद करने और कंपनी को पूरी तरह बेचने के बारे में चर्चा की गई है। कंपनी ने मोइलिस एंड कंपनी से एडवाइजर्स को हायर किया है।

तकनीक केवल साइबर डिफेंस के लिए इस्तेमाल होगी

कंपनी को खरीदने के लिए सबसे आगे दो नाम आ रहे हैं। दोनों अमेरिकी फंड हैं जिन्होंने पेगासस को अपने नियंत्रण में लेकर बंद करने की चर्चा की है। अगर डील को आखरी रूप दिया जाता है तो, दोनों कंपनियां करीब 200 मिलियन डॉलर के निवेश से पेगासस की तकनीक का इस्तेमाल करके मजबूत साइबर डिफेंस सिक्योरिटी तैयार करेंगी। इसके साथ ही इजरायली कंपनी की ड्रोन तकनीक को विकसित करने में भी इसकी तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकता है।

एपल ने किया था एनएसओ पर मुकदमा

टेक कंपनी एपल ने पिछले महीने एनएसओ पर मुकदमा किया था। एपल ने कंपनी पर आरोप लगाया था कि यह कंपनी एक अरब से ज्यादा आई फोन्स को पेगासस के जरिए हैक कर रही है। एपल के मुताबिक, दुनियाभर में 1.65 अरब एक्टिव एपल डिवाइसेज हैं, जिसमें से 1 अरब से ज्यादा आई पोन्स हैं। ऐसे में लोगों की प्राइवेसी खतरे में आ सकती है।

भारत सरकार पर लगा था जासूसी कराने का आरोप

इस साल जुलाई में एक न्यूज पोर्टल ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि भारत सरकार ने 2017 से 2019 के दौरान करीब 300 भारतीयों की जासूसी कराई। इन लोगों में पत्रकार, वकील, सामाजिक कार्यकर्ता, विपक्ष के नेता और बिजनेसमैन शामिल थे। सरकार ने पेगासस स्पायवेयर के जरिए इन लोगों के फोन हैक किए थे। इस रिपोर्ट के बाद सरकार ने सफाई देते हुए सभी आरोपों को निराधार बताया था।