नई दिल्ली। अभी दुनिया कोरोना के दूसरी लहर के दर्द से उबर रही है। कहीं-कहीं पर तीसरी लहर ने भी किसी न किसी रूप में दस्तक दे दी है। वहीं कोरोना को लेकर अमेरिका में एक नई समस्या ने जन्म ले लिया है। अमेरिका में ऐसे लाखों लोग हैं जिन्हें कोरोना होने पर वे ठीक तो गए पर ठीक तरह से सूंघ पाने की क्षमता ही चली गई है। यह जानकारी एक नए अध्ययन में सामने आई है।
जेएएमए ओटोलरींगोलॉजी-हेड एंड नेक सर्जरी जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में अनुमान लगाया गया है कि अमेरिका में 7,00,000 से 16 लाख लोग हैं जिन्हें कोरोना हुआ उनमें सूघंने की समस्या आ रही है या वे लोग बीते छह महीने से सूघंने में असमर्थ हैं।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, सेंट लुइस में वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं के अनुसार, इसे कम करके आंका जा सकता है। अध्ययन से पता चला है कि ज्यादातर लोग अंतत: सूंघने की अपनी भावना को ठीक कर लेते हैं, लेकिन कुछ लोग इसे फिर से हासिल नहीं कर पाते हैं।
लेखक इसे एक चिंता का विषय मान रहे हैं क्योंकि, तुलनात्मक रूप से, महामारी से पहले, केवल 1.33 लाख वयस्कों की उम्र 40 और उससे अधिक थी, जिसे वैज्ञानिक घ्राण रोग (ओडी) या पुरानी घ्राण शिथिलता (सीओडी) कहते हैं। अध्ययन में कहा गया कि “ये आंकड़े ओडी की उभरती सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता और शोध की तत्काल आवश्यकता का सुझाव देते हैं जो कोरोना सीओडी के इलाज पर केंद्रित है।”