लंदन। दक्षिण अफ्रीका से फैले नए वैरियंट ओमीक्रॉन से पूरी दुनिया जहा दहशत में है वहीं इसके इलाज में कारगर वैक्सीन पर नए-नए शोध भी किए जा रहे हैं ऐसे ही ब्रिटेन में हुए एक अन्य ताजा शोध में भारत समेत पूरी दुनिया के लिए एक राहत की खबर भी आई है। शोध में पाया गया कि दो डोज लगवाने वाले लोगों में 10 से 12 हफ्ते के बाद सभी 7 वैक्सीन ने बूस्टर डोज देने पर इम्यूनिटी को बढ़ा दिया।
एकसाल तक देखा जाएगा बूस्टर डोज का असर
इस शोध में जिन मरीजों को कोविशील्ड वैक्सीन दी गई थी, उनके अंदर बूस्टर डोज के 28 दिन बाद स्पाइक प्रोटीन की मात्रा को 1.8 से 32.3 गुना बढ़ा दिया। शोधकर्ताओं ने कहा कि आने वाले एक साल तक यह देखा जाएगा कि क्या बूस्टर डोज का असर बना हुआ है या नहीं।
ऑक्सफोर्ड समेत 7 वैक्सीन से कोई सुरक्षा खतरा नहीं
कुछ शोध में यह भी संकेत मिला कि समय के साथ कोविड संक्रमण के खिलाफ सुरक्षा कम होती जाती है। इसी वजह से वैक्सीन के बनाने वाली कंपनिया ऐसे लोगों को तीसरे बूस्टर डोज देने की बात कर रहीं हैं जिन्हें खतरा ज्यादा है। हालांकि अभी तीसरे डोज से कितनी सुरक्षा मिल रही है, इस पर बहुत ज्यादा शोध नहीं हुआ है।
लैंसेट में गुरुवार को छपे शोध में कहा गया है कि ऑक्सफर्ड, फाइजर, नोवावैक्स, जॉनसन एंड जॉनसन, मॉडर्ना, वलनेवा और क्योरवैक की कोरोना वैक्सीन इस रिसर्च में शामिल हैं।
2878 लोगों पर हुआ शोध
इस शोध में 2,878 वयस्क शामिल थे और पाया गया कि इन 7 वैक्सीन से कोई सुरक्षा खतरा नहीं है। वैक्सीन लगवाने के बाद थकान, सिर दर्द और जिस जगह पर वैक्सीन लगी है, वहां दर्द जैसे सामान्य लक्षण ही देखे गए। ये लक्षण ज्यादातर युवा लोगों में ही देखे गए। हालांकि 24 ऐसे भी लोग थे जिन्हें गंभीर साइड इफेक्ट का सामना करना पड़ा। शोध में ये परिणाम कोरोना के अल्फा बीटा, डेल्टा और चीन में पहली बार मिले कोरोना वायरस के खिलाफ मापे गए।