नई दिल्ली/इस्लामाबाद। भारत अफगानिस्तान को 50 हजार टन गेहूं, दवाइयां और मेडिकल इक्युपमेंट्स भेज रहा है पाकिस्तान उसमें अड़ंगा डाल रहा है। इस राहत सामग्री को ले जाने के लिए भारत को पाकिस्तान में से जाना होगा। इसके लिए भारत ने पाकिस्तान से बात की है, लेकिन पाकिस्तान इस मामले में अजीब शर्तें लगाकर बीच में फायदा उठाना चाहता है। वह एक तीर से दो निशान लगा रहा है।

इस मामले में पाकिस्तान की शर्त है कि भारत के ट्रक वाघा बॉर्डर पर माल उतारें। वहां से इन्हें पाकिस्तान के ट्रकों में लोड किया जाए। फिर ये ट्रक अफगानिस्तान पहुंचाए। पाकिस्तान एक तीर से दो शिकार करना चाहता है। पहला-पाकिस्तानी ट्रक जब सहायता सामग्री लेकर जाएंगे, तो बीच में इस पर हाथ साफ किया जा सकता है, यानी बीच में माल चोरी किया जा सकता है। इन्हें अपने गोदामों में ट्रांसफर कर सकता है।

दूसरा-माल किसी का और नाम किसी का, माल भारत का और ट्रकों पर पाकिस्तान का झंडा होगा। मतलब अफगानिस्तान की जनता ये समझे कि उन्हें भूख से बचाने के लिए पाकिस्तान गेहूं और दवाईयां भेज रहा है।

माल भाड़ा चाहता है पाकिस्तान
पाकिस्तान चाहता है कि भारत से जो राहत सामग्री अफगानिस्तान भेजी जानी है, उस पर माल भाड़ा और टोल टैक्स भारत सरकार पाकिस्तान को अदा करे। क्योंकि एक तरफ तो वो वाघा बॉर्डर से अपने ट्रकों में माल भेजने की मांग कर रहा है और दूसरी तरफ भाड़ा भारत से मांग रहा है।

संयुक्त राष्ट्र की अपील पर भारत भेज रहा समग्री
अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र की अपील पर 7 अक्टूबर को भारत ने 50 हजार टन गेहूं, दवाईयां और मेडिकल इक्विपमेंट्स भेजने की घोषणा की है। इसके लिए पाकिस्तान से बातचीत की गई, क्योंकि ट्रकों के जरिए वाघा बॉर्डर से यह माल पहले पाकिस्तान और फिर अफगानिस्तान भेजा जा सकता है। इस मामले में पाकिस्तान सरकार, आईएसआई और फौज को उम्मीद नहीं थी कि भारत इतने जल्दी अफगानिस्तान की मदद करने तैयार हो जाएगा।

पाकिस्तान की इस पर हीला हवाली शुरू हो गई इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 7 अक्टूबर को भेजे गए भारतीय विदेश मंत्रालय के लेटर का जवाब पाकिस्तान ने 24 नवंबर को दिया। इसमें भी कुछ फालतू शर्तें लगा दीं। इनका खुलासा अब हो रहा है और इसके साथ ही पाकिस्तान का असली चेहरा भी दुनिया के सामने आ रहा है।