Peshawar Blast : 550 में कोई एक था मौत का दूत, ऐसे मस्जिद बनी कब्रगाह

तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने हमले की जिम्मेदारी ली

Peshawar blast
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पेशावर। पाकिस्तान (Blast in mosque in Pakistan Peshawar) के पेशावर शहर में पुलिस लाइन्स में बनी मस्जिद में करीब 550 लोग मौजूद थे। इनमें से कोई एक मौत का दूत बनकर नमाज अता कर रहा था। नमाज अता करते हुए एक जोरदार धमाका हुआ और फिर मस्जिद कब्रगाह (Blast at mosque in Pakistan) में तब्दील हो गई। पेशावर की इस मस्जिद में हुए विस्फोट में अब तक 29 पुलिसकर्मियों की मौत और करीब 158 लोगों के घायल होने की सूचना है, जबकि 90 लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है। मौत का आंकडा और भी बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। मस्जिद में हुआ यह विस्फोट फिदायीन हमला बताया जा रहा है।

मलबे में कई लोग दबे

एक चश्मदीद ने कहा- नमाज के वक्त मस्जिद में 550 के करीब लोग मौजूद थे। फिदायीन हमलावर बीच की एक लाइन में मौजूद था। यह साफ नहीं हो सका कि वो पुलिस लाइन्स में पहुंचा कैसे, क्योंकि यहां अंदर जाने के लिए गेट पास दिखाना होता है। पुलिस ने बताया कि मस्जिद ढह चुकी है और माना जा रहा है कि इसके मलबे में कई लोग दबे हैं।

टीटीपी ने जिम्मेदारी ली

पाकिस्तानी मीडिया जियो न्यूज के मुताबिक, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने हमले की जिम्मेदारी ली है। हमले के बाद पाकिस्तान आर्मी ने इलाके को घेर लिया है। इसके करीब ही आर्मी की एक यूनिट का ऑफिस भी है। पुलिस लाइन्स में मौजूद लोगों का कहना है कि ब्लास्ट काफी ताकतवर था और इसकी आवाज 2 किलोमीटर दूर तक सुनी गई। इस इलाके में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान का खासा दबदबा है और पिछले दिनों इसी संगठन ने यहां हमले की धमकी भी दी थी। घटना के बाद कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर मौजूद हैं। इनमें घायलों को अस्पताल ले जाते देखा जा सकता है।

ब्लड डोनेशन की अपील

सभी घायलों का इलाज पेशावर के लेडी हार्डिंग अस्पताल में चल रहा है। अस्पताल की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि आम लोग जितना हो सके, उतनी जल्दी ब्लड डोनेट करने अस्पताल पहुंचें। इस बीच मिलिट्री के डॉक्टरों का एक दल भी इस अस्पताल में पहुंच चुका है।

9 साल पहले हुआ था आर्मी स्कूल पर हमला

16 दिसंबर 2014 को पेशावर के आर्मी पब्लिक स्कूल पर आतंकी हमला हुआ था। इसमें 148 लोग मारे गए थे। इनमें 132 स्कूली बच्चे थे। आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने हमले की जिम्मेदारी ली थी।

टीटीपी के निशाने पर पाकिस्तान

पाकिस्तान में टीटीपी के हमले लगातार तेज होते जा रहे हैं। इनकी जद में राजधानी इस्लामाबाद भी आ गई है। पिछले महीने इस्लामाबाद में एक फिदायीन हमला हुआ था। इसमें एक पुलिस अफसर मारा गया था और 6 लोग घायल हो गए थे। इसके बाद शाहबाज शरीफ ने कैबिनेट मीटिंग बुलाई थी। मीटिंग के बाद होम मिनिस्टर राणा सनाउल्लाह ने कहा था- पाकिस्तान अपनी हिफाजत के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। अगर अफगानिस्तान की तालिबान हुकूमत ने टीटीपी को नहीं रोका तो हम अफगानिस्तान में घुसकर इन आतंकियों को मारेंगे।

अफगानिस्तान-पाकिस्तान में जबरदस्त तनाव

टीटीपी को लेकर अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तनाव बेहद खतरनाक रूप लेता जा रहा है। दोनों देशों के बीच डूरंड लाइन पर तमाम एंट्री और एग्जिट पॉइंट बंद किए जा चुके हैं। हालात ये हैं कि दो महीनों में दोनों देशों के बीच फायरिंग में करीब 16 पाकिस्तानी सैनिक मारे जा चुके हैं।

पाकिस्तान सरकार हमलों के लिए टीटीपी को जिम्मेदार बताती है। राणा सनाउल्लाह की धमकी का जवाब तालिबान के सीनियर लीडर और उप-प्रधानमंत्री अहमद यासिर ने सोशल मीडिया पर एक फोटो शेयर करके दिया था। यह फोटो 1971 में भारत और पाकिस्तान की जंग की है। पाकिस्तानी सेना की करारी शिकस्त हुई थी। उसके 90 हजार से अधिक सैनिकों ने सरेंडर किया था। सरेंडर डॉक्यूमेंट पर पाकिस्तान की तरफ से लेफ्टिनेंट जनरल आमिर अब्दुल्लाह खान नियाजी ने दस्तखत किए थे। उनके ठीक बगल में मौजूद थे हमारी सेना के लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा। इसी सरेंडर के बाद बांग्लादेश एक अलग मुल्क बना था और पाकिस्तान के दो टुकड़े हो गए थे।

उप-प्रधानमंत्री अहमद यासिर ने इस फोटो के साथ उर्दू में एक कैप्शन शेयर किया। इसमें कहा- राणा सनाउल्लाह, जबरदस्त। भूलिए मत कि ये अफगानिस्तान है। ये वो अफगानिस्तान है जहां बड़ी-बड़ी ताकतों की कब्रगाहें बन गईं। हम पर फौजी हमले का ख्वाब मत देखिए, वरना अंजाम उतना ही शर्मनाक होगा जितना भारत के सामने आपका हुआ था।