नई दिल्ली। पात्र महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के लिए सेना राजी हो गई है। सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी के बाद 11 महिला अधिकारियों को 10 दिनों के भीतर स्थायी कमीशन मिलेगा। सेना ने शुक्रवार को अदालत के फैसले के अनुसार महिला अधिकारियों कोकमीशन (पीसी) देने पर सहमति जताई।
योग्य महिला अफसरों को 10 दिनों के भीतर यह परमानेंट कमीशन यानी पीसी मिलेगा। इसके साथ ही जो योग्य अफसर हैं तथा मानदंडों को पूरा करती हैं और कोर्ट नहीं आईं हैं, उन्हें भी तीन हफ्ते में स्थायी कमीशन मिल जाएगा।
न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ और एएस बोपन्ना ने अपने आदेश में कहा, “11 महिला अधिकारियों को 10 दिनों की अवधि के भीतर पीसी दिया जाएगा। एएसजी (अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल) का कहना है कि अधिकारी, जो अवमानना कार्यवाही में सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष नहीं हैं, लेकिन मानदंडों को पूरा करती हैं, उन्हें भी तीन सप्ताह की अवधि के भीतर स्थायी कमीशन प्रदान किया जाए।”
इससे पहले दिन में सुनवाई के दौरान, पीठ ने सेना से कहा था कि उसके आदेश के अनुसार महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन नहीं देने के लिए वह उसे अवमानना का दोषी मानेगी। सेना के वकील ने कहा था कि शेष महिला अधिकारियों के संबंध में निर्णय तेजी से लिया जाएगा। उन्होंने मामले में निर्देश जारी करने के लिए कुछ समय मांगा था।
जैसे ही पीठ ने मामले में आदेश देना शुरू किया, सेना का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने अदालत से कहा कि वह शीर्ष अदालत में जाने वाली 11 अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के लिए तैयार हैं। पीठ ने कहा कि सेना अपने अधिकार में सर्वोच्च हो सकती है, लेकिन संवैधानिक न्यायालय भी सर्वोच्च है।