मुंबई। क्रूज मामले में आर्यन खान को हाईकोर्ट से मिली जमानत के खिलाफ नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रहा है। एनसीबी की ओर से सोमवार को कहा गया कि हम अदालत के डिटेल्ड जजमेंट का इंतजार कर रहे थे और अब जमानती आदेश मिलने के बाद हम इस मामले में ऊपर की अदालत का जाने को लेकर कानूनी राय ले रहे हैं।
अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को 28 अक्टूबर को बॉम्बे हाईकोर्ट ने सशर्त जमानत दी गई थी। हालांकि तब अदालत ने सिर्फ ऑपरेटिव पोर्शन ही सुनाया था। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एन डब्ल्यू संब्रे की एकल पीठ ने 28 अक्टूबर को आर्यन खान, अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा की जमानत स्वीकार कर ली थी। इसके बाद बीते शनिवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने जमानत आदेश की विस्तृत कॉपी भी जारी कर दी थी।
व्हाट्स एप चैट को नहीं माना जा सकता खास सबूत
अदालत की ओर से जारी डिटेल्ड जजमेंट में कहा गया था कि आर्यन खान के विरूद्ध् एनसीबी के पास कोई सबूत ही नहीं था। मुंबई हाईकोर्ट का कहना है कि आर्यन खान ने दूसरे अभियुक्तों के साथ मिलकर ड्रग सेवन के लिए कोई साजिश की हो, ऐसा कोई ठोस सबूत नहीं है। आर्यन खान की वॉट्सऐप चैट को भी कोई खास सबूत नहीं माना जा सकता है।
हाईकोर्ट ने माना, कोर्ट के सामने ये साबित करने के लिए कोई ऑन-रिकॉर्ड ठोस सबूत पेश नहीं किए गए हैं कि सभी आरोपी व्यक्ति सामान्य इरादे से गैरकानूनी कार्य करने के लिए सहमत हुए। निर्णय में आगे कहा गया है, ‘अदालत इस बात के प्रति संवेदनशील है कि सबूत के रूप में बुनियादी सामग्री होनी चाहिए, जिससे आवेदकों के खिलाफ साजिश के मामले को साबित किया जा सके।
हाईकोर्ट ने डिटेल्ड ऑर्डर में क्या कहा
आर्यन ने दूसरे लोगों के साथ मिलकर साजिश रचाई थी, एनसीबी की इस पेशकश को हाईकोर्ट ने मानने से इनकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि एनसीबी ने जो सामग्री पेश की है, उससे आरोपी के खिलाफ ऐसा कोई ठोस सबूत नहीं मिलता। हाईकोर्ट ने बताया है कि सारे अभियुक्तों के बीच कोई सहमति बनी थी और इससे पहले उन्होंने साथ मिलकर यह साजिश रचाई थी, यह साबित करने के लिए कोई सबूत होने चाहिए।