कैप्टन अमरिंदर सिंह आज पंजाब में सियासी धमाका करने वाले हैं। इसके लिए अमरिंदर सिंह पिछले करीब एक महीने से तैयारी कर रहे थे। कैप्टन ने मंगलवार को चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है। इस मौके पर वे नई पार्टी की घोषणा कर सकते हैं। इस वजह से पंजाब कांग्रेस के भीतर हलचल तेज हो गई है। अमरिंदर के प्रेस कॉन्फ्रेंस का पता चलते ही कांग्रेस ने अपने विधायकों से संपर्क साध लिया है। इसके अलावा बड़े नेताओं की गतिविधियों पर भी नजर रखी जा रही है। चर्चा है कि अमरिंदर के साथ कांग्रेस के दिग्गज नेता भी कॉन्फ्रेंस में नजर आ सकते हैं। खासकर, चरणजीत चन्नी के मुख्यमंत्री बनने के बाद मंत्री पद से हटाए एमएलए पर भी सबकी नजर है। इनमें राणा गुरमीत सोढ़ी, साधु सिंह धर्मसोत, गुरप्रीत कांगड़, बलबीर सिद्धू और शाम सुंदर अरोड़ा शामिल हैं। चर्चा यह भी है कि कांग्रेस के करीब 15 से 20 एमएलए अमरिंदर के संपर्क में हैं।
दो करीबी छोड़ चुके साथ
भले ही अमरिंदर नई शुरुआत कर रहे हैं, लेकिन उनके करीबी साथ छोड़ रहे हैं। इनमें कैप्टन संदीप संधू अमरिंदर सिंह के मुख्यमंत्री रहते उनके सलाहकार रहे हैं। सरकार में उनका बड़ा नाम रहा है। कैप्टन संदीप संधू को उनका सबसे करीबी साथी माना जाता था। अमरिंदर के हटते ही उन्होंने सलाहकार पद छोड़ दिया था। माना जा रहा था कि कांग्रेस में उन्हें स्वीकार नहीं किया जाएगा, लेकिन अचानक वह डिप्टी सीएम रंधावा के साथ देखे गए। वहीं, केवल ढिल्लो को भी कैप्टन का करीबी माना जाता था, लेकिन वे भी नई सरकार के साथ हैं।
कृषि कानून और अरूसा आलम बड़े मुद्दों पर बोलेंगे कैप्टन
कैप्टन अमरिंदर की पाकिस्तानी मित्र अरूसा आलम का बड़ा मुद्दा इन दिनों छाया हुआ है, जिसे लेकर कांग्रेस की सरकार ने ही राजनीति शुरू की थी। जबकि, कैप्टन ने सोनिया गांधी समेत दिग्गज हस्तियों के साथ अरूसा का फोटो जारी कर जवाब पहले ही दे दिया है। दूसरा बड़ा मामला किसान आंदोलन का है, जिस पर अमरिंदर की नई पार्टी की राजनीति है। अमरिंदर ने कृषि कानूनों पर फैसले के बाद ही बीजेपी से गठजोड़ की बात कही है। ऐसे में उस पर भी उनकी प्रतिक्रिया अहम रहेगी। पंजाब में सर्वदलीय मीटिंग के जरिए चन्नी सरकार ने BSF के अधिकार बढ़ाने के खिलाफ प्रस्ताव पास कर दिया। इस पर कैप्टन से सवाल होंगे।
कांग्रेस से पहले ही दूरियां बना चुके हैं कैप्टन
कैप्टन अमरिंदर सिंह पहले ही कांग्रेस छोड़ने की बात कर चुके हैं। उन्होंने दिल्ली दौरे के बाद कहा था कि वह कांग्रेस छोड़ रहे हैं। अमरिंदर ने यहां तक कहा कि चाहे नवजोत सिद्धू को भी कांग्रेस निकाल दे, लेकिन उनके दरवाजे अब कांग्रेस के लिए बंद हो गए हैं। अमरिंदर ने यह भी कहा कि वे बीजेपी में शामिल नहीं होंगे। वे अपनी अलग फौज बनाएंगे, यानी नई पार्टी बनाकर चुनाव लड़ेंगे। वे भाजपा से गठजोड़ जरूर कर सकते हैं। कैप्टन ने कांग्रेस में बगावत के बाद गवर्नर को इस्तीफा सौंप दिया था।
मजबूर हो छोड़नी पड़ा था सीएम पद
कैप्टन अमरिंदर सिंह को कांग्रेस ने पंजाब चुनाव से लगभग 6 माह पहले मुख्यमंत्री पद से हटा दिया था । तब कैप्टन ने कहा कि उन्हें अपमानित किया गया। फिर उन्होंने पंजाब कांग्रेस के नए प्रधान बनाए नवजोत सिद्धू और कांग्रेस हाईकमान पर भी निशाना साधा था। इसके बाद अमरिंदर ने दिल्ली जाकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ मुलाकात की थी तब लग रहा था कि वे शायद भाजपा में जाने का मन बना रहे हैं लेकिन उन्होंने तुरंत ही स्पष्ट कर दिया था कि वह भाजपा में नहीं जाएंगे। वे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण मुद्दो पर बात करने गए थे।