लद्दाख से लेकर दक्षिण चीन सागर तक दादागिरी कर रहे चीनी ड्रेगन ने बहुत तेजी से अपनी सेना का आधुनिकीकरण किया है। चीन के पास इस समय सबसे बड़ी नौसेना है और वह इसमें बड़ी बड़ी और कई घातक पनडुब्बियों को शामिल कर रहा है। दक्षिण चीन सागर पर दबदबा कायम करने के बाद अब चीन की नजर हिंद महासागर पर है। इससे भारत और आस्ट्रेलिया चौकन्ने हो गए हैं और इन चीनी पनडुब्बियों को तबाह करने वाले अमेरिकी शिकारी पी-8 आई पोसाइडन विमान को धड़ाधड़ खरीद रहे हैं।
ड्रेगन पर लगाम लगाने खरीद रहे पी-8 विमान
चीन की दहशत के चलते भारत और आस्ट्रेलिया दोनों ने ही अमेरिका से बड़े पैमाने पर पी-8 विमान खरीदने की तैयारी कर ली है। ये दोनों ही देश क्वॉड के सदस्य हैं और चीन की दादागिरी से परेशान हैं। क्वॉड देशों का मकसद हिंद-प्रशांत क्षेत्र को मुक्त और खुला बनाए रखना है। यही नहीं अमेरिका के इस विमान को जर्मनी, नार्वे और ब्रिटेन भी बड़े पैमाने पर खरीद रहे हैं। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के एक खुफिया अधिकारी ने कहा कि विश्वास में कमी के कारण ये देश बड़े पैमाने पर एंटी सबमरीन फाइटर प्लेन को भी खरीद रहे हैं।
चीनी पनडुब्बियों से निपट सकता है पी-8 पोसाइडन विमान :
इस विमान की क्षमता को लेकर पेंटागन के एक अधिकारी ने कहा है कि चीन तेजी से दक्षिण चीन सागर के बाहर अपनी समुद्र के अंदर युद्ध लड़ने की क्षमता को बढ़ा रहा है। इससे उन देशों के लिए तो खतरा पैदा हो गया है, जिनके साथ चीन का क्षेत्रीय विवाद है, बल्कि प्रशांत इलाके को इससे खतरा है। इसलिए अमेरिका के सहयोगी देशों के लिए यह जरूरी हो गया है कि वे अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चीनी पनडुब्बियों की पहचान करें और उनकी निगरानी करें।
पेंटागन के अधिकारी के अनुसार अत्याधुनिक एंटी सबमरीन युद्ध क्षमता की वजह से ही पी-8 आई चीनी सबमरीन के विरुद्ध सबसे बेजोड़ हथियार है। इस विमान को बनाने वाली कंपनी बोइंग के प्रवक्ता ने कहा कि दुनियाभर में 135 विमान सेवा में हैं और अब तक 4 लाख घंटे की उड़ान बिना किसी दुर्घटना के हो चुकी है।
अमेरिका तक हमला करने की ताकत है चीन के पास:
अमेरिकी सेना के तकनीकी विशेषज्ञों के ताजा अनुमानों के अनुसार चीन के पास सितंबर 2020 तक डीजल से चलने वाली 50 अटैक सबमरीन, परमाणु ऊर्जा से चलने वाली 6 अटैक पनडुब्बी, 4 परमाणु ऊर्जा से चलने वाली मिसाइल से लैस सबमरीन हैं। अमेरिका के पास इस समय कुल 68 सबमरीन हैं जो सभी परमाणु ऊर्जा से चलने वाली हैं। इन सबके बीच चीन बहुत तेजी से अपनी सबमरीन की ताकत को बढ़ा रहा है। चीनी सबमरीन परमाणु बम दागने में सक्षम मिसाइलों से लैस हैं।
इसके अलावा उनमें कई एंटी शिप मिसाइल और टारपीडो लगे हैं। चीन की नई पनडुब्बी से प्रक्षेपित की जाने वाली मिसाइल जेएल-2A है जिसकी रेंज 8600 किमी है। इससे चीन अब अमेरिका को भी निशाना बनाने की ताकत हासिल कर चुका है। चीन अपनी पनडुब्बी ताकत को इसलिए भी बढ़ा रहा है, ताकि वह असानी से हिंद महासागर तक जासूसी कर सके। चीन अब पी-8 से भी निपटने की ताकत हासिल करने में जुटा है। उसने साउथ चाइना सी में लेजर वेपन से इस अमेरिकी विमान को निशाना बनाया था।