– भाई पन्ना से हमेशा के लिए जुदा हुआ हीरा, बहन की एक साल पहल सड़क दुर्घटना में हो चुकी है मौत
टाइगर स्टेट मप्र में पन्ना टाइगर रिजर्व में पले-बढ़े बाघ हीरा का 15 दिन पहले बड़ी बेदर्दी से शिकार किया गया है। इस शिकार के बाद विंध्याचल की पहाड़ियों की चर्चित बाघाें की जोड़ी हीरा-पन्ना हमेशा के लिए टूट गई। बताया जा रहा है कि इस पूरे मामले में वन विभाग की गंभीर लापरवाही भी सामने आ रही है। स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हीरा का शिकार सतना वन मंडल के सिंहपुर रेंज की अमदरी बीट में धान के एक खेत में करंट लगाकर किया गया। इसके बाद भी शिकारियों की हैवानियत खत्म नहीं हुई। उन्होंने बेजुबान का सिर काटकर खाल उतार ली और बॉडी को खेत में बने तालाब में फेंक दिया।
जिस जगह बाघ का शिकार हुआ है, वह सतना वनमंडल के बरौंधा रेंज से 7 किमी की दूर स्थित है। पूरी घटना का खुलासा तब हुआ है, जब सोमवार को तालाब से बाघ का कंकाल बरामद हुआ और मौके से मिली कॉलर आईडी से पुष्टि हुई कि मृतक बाघ हीरा है।
जुलाई माह में अलग हो गई थी दोनों भाइयों की जोड़ी
घटना के बाद वन विभाग ने शक के आधार पर तीन लोगों को पकड़ा है। पूरी जानकारी के आधार पर बताया जा रहा है कि दोनों ही बाघ रिजर्व की बाघिन पी-234 के शावक थे, जिन्हें मादा ने अकोला बफर के जंगल में जन्म दिया था। जन्म के बाद दोनों नर शावकों को पी 234-31 व पी 234-32 नाम से पुकारा गया। सुपर स्टार ब्रदर्स के नाम से चर्चित दोनों बाघ हीरा और पन्ना के नाम से भी जाना जाता था। दोनों ही बाघ पर्यटकों के सामने बहुत ही सरलता से फोटो और सेल्फी क्लिक करवा लेते थे। इस कारण दोनों ही पूरे देश में चर्चित थे।
दोनों ही भाइयों की जोड़ी जुलाई माह में टूट गई थी। बाघ हीरा पन्ना से माइग्रेट होकर जुलाई में सतना वन मंडल की सीमा में चला गया था। हालांकि दोनों ही बाघों को कॉलर ID लगी हुई थी, जिसकी सैटेलाइट से निगरानी करने की भी व्यवस्था है।
बाघ की सुरक्षा में वन विभाग की लापरवाही आई सामने
बाघ का शिकार लगभग 15 दिन पहले दशहरे या उसके आसपास किया गया है। ऐसे में बाघ की जानकारी न मिलने पर वन विभाग ने एक बार भी उसकी सुध नहीं ली। वहीं दोनों ही बाघों की सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक तकनीक का भी इस्तेमाल किया जा रहा था। इसके बाद भी बाघ का शिकार होना विभाग के कामकाज के रवैये पर सवाल खड़े कर रहा है। प्रारंभिक जांच में बाघ की मौत करंट लगने की वजह से हुई है, जिस खेत में बाघ की मौत हुई है, वह रामप्रकाश नामक व्यक्ति का है।
अकेला रह गया पन्ना
बाघिन पी-234 ने नवंबर 2019 में तीन शावकों को जन्म दिया था, जिनमें दो नर व एक मादा थी। इनमें से मादा शावक पी234-33 की मौत सड़क हादसे में 14 नवंबर 2020 को हो गई थी। इसके एक साल बाद हीरा का भी बड़ी बेदर्दी से शिकार हो गया। अब केवल पन्ना नामक बाघ अकेला रह गया है।
तीन लोगों से पूछताछ जारी
शंका के आधार पर तीन लोगों काे पकड़ा गया हैं। इनसे पूछताछ की जा रही है। जानकारी मिलते ही आगे कार्रवाई की जाएगी। जिस बाघ का शिकार किया गया है। उसे पी 234-31 या हीरा के नाम से भी जाना जाता है।
– एके सिंह, सीसीसीएफ, रीवा