मध्यप्रदेश की जीवनदायिनी मानी जाने वाली नर्मदा नदी में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है और इसको सबसे ज्यादा प्रदूषित करने वाला शहर जबलपुर है। अकेला जबलपुर शहर ही 136 एमएलडी गंदगी नर्मदा में छोड़ रहा है। यह खुलासा प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की एक रिपोर्ट में हुआ है। हालांकि नर्मदा किनारे बसे शहरों में जबलपुर ही सबसे बड़ा है यदि और कोई शहर बड़ी आबादी वाला किनारे बसा होता, तो वह भी ऐसा ही करता। पीसीबी ने ये रिपोर्ट नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल को दी है। इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि नर्मदा को मप्र में ही सबसे ज्यादा प्रदूषित किया जा रहा है। जबलपुर के अलावा अन्य शहरों में ओमकारेश्वर, होशंगाबाद, बुधनी, बड़वानी भी शामिल हैं।
पीसीबी की रिपोर्ट पर एनजीटी ने जताई नाराजगी
जबलपुर के बाद सबसे ज्यादा गंदगी होशंगाबाद से 10 एमएलडी, महेश्वर से 4.8 एमएलडी, बड़वानी से 3.6 एमएलडी, बुदनी से 1.5 एमएलडी और ओमकारेश्वर से 0.32 एमएलडी गंदगी रोजाना नर्मदा में सीधे मिल रही है। पीसीबी की इस रिपोर्ट पर एनजीटी ने नाराजगी जताते हुए संबंधित सभी जिला प्रशासनों को सख्ती से कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। साथ ही एनजीटी ने कहा है कि संबंधित जिलों में वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाने को लेकर मध्य प्रदेश सरकार जल्द ही एक्शन प्लान बनाए।
मप्र में सबसे अधिक प्रदूषित की जा रही है नर्मदा
उल्लेखनीय है कि जबलपुर के एक एनजीओ नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की तरफ से नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में याचिका लगाई गई थी, जिस पर सुनवाई के बाद एनजीटी ने मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नर्मदा में मिल रही गंदगी को लेकर रिपोर्ट देने को कहा था। पीसीबी की रिपोर्ट में अब खुलासा हुआ है कि नर्मदा को एमपी के अंदर सबसे ज्यादा दूषित किया जा रहा है।