रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित धर्म संसद में राष्ट्रपिता बापू को अपशब्द कहने वाले कालीचरण महाराज को अदालत ने गुरुवार को दो दिन के लिए पुलिस रिमांड पर जेल भेज दिया है। छत्तीसगढ़ पुलिस ने गुरुवार तड़के मध्य प्रदेश से स्वयंभू बाबा को गिरफ्तार कर लिया। बाद में उन्हें रायपुर लाया गया और स्थानीय अदालत में पेश किया गया।

राष्ट्रपिता के खिलाफ कालीचरण की टिप्पणी ने छत्तीसगढ़ की सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी को असहज कर दिया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पुलिस टीम को बाबा को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया था।

बाबा के खिलाफ रायपुर के टिकरापारा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। कई दिनों की सघन तलाशी के बाद रायपुर पुलिस ने गुरुवार को उन्हें मध्य प्रदेश के खजुराहो से करीब 25 किलोमीटर दूर बागेश्वर धाम से उठा लिया और सड़क मार्ग से रायपुर ले आई।

हालांकि इस गिरफ्तारी से राजनीतिक बवाल मच गया है। भाजपा ने गिरफ्तारी की निंदा की है और आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ पुलिस ने अंतर-राज्यीय प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया और मध्य प्रदेश पुलिस को विश्वास में नहीं लिया।

बाबा के कई अनुयायी जिला अदालत पहुंचे और धर्मगुरु के पक्ष में नारेबाजी की। मध्य प्रदेश की सत्तारूढ़ भाजपा ने ‘रायपुर पुलिस द्वारा अंतर-राज्यीय प्रोटोकॉल के उल्लंघन’ पर कड़ी आपत्ति जताई। राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, “छत्तीसगढ़ सरकार कालीचरण को नोटिस देकर बुला सकती थी।”

मिश्रा ने मध्य प्रदेश के डीजीपी को छत्तीसगढ़ के डीजीपी से संपर्क करने और गिरफ्तारी से पहले राज्य पुलिस को सूचित नहीं करने और ‘अंतर-राज्यीय प्रोटोकॉल का उल्लंघन’ करने के लिए विरोध दर्ज करने के लिए कहा है।

छत्तीसगढ़ में भाजपा के वरिष्ठ नेता बृजमोहन अग्रवाल ने गिरफ्तारी को ‘कांग्रेस सरकार द्वारा सत्ता का घोर दुरुपयोग’ करार दिया और गिरफ्तारी को गांधी के सिद्धांतों के खिलाफ बताया।

इस बीच, कालीचरण महाराज के अपमानजनक भाषण पर आक्रामक प्रतिक्रिया देने वाले बघेल ने उनकी गिरफ्तारी की सराहना की। उन्होंने कहा, “न्याय में इतनी लंबी अवधि तक देरी नहीं होनी चाहिए कि वह अन्याय लगे।”