न्यूयॉर्क। अमेरिकियों ने लॉकडाउन के दरमियान कोरोना से बचाव के लिए पेनकिलर का अधिक इस्तेमाल किया। मई 2020 से अप्रैल 2021 के दौरान पेनकिलर के ओवरडोज के कारण एक लाख से अधिक लोगों की मौत हो गई थीं। उक्त बात का खुलासा अमेरिकी एजेंसी सीडीसी की ओर से जारी रिपोर्ट से हुआ है। पिछले साल की तुलना में ड्रग ओवरडोज से होने वाली मौतों में 30 फीसदी की वृद्धि हुई है।

ड्रग ओवरडोज का ये आंकड़ा अमेरिका में कोरोना काल के साइड इफेक्ट के रूप में सामने आया है। कोरोना से अमेरिका में अब तक पौने आठ लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी हैं। मई 2020 से अप्रैल 2021 की अवधि के दौरान लगभग पांच लाख की मौतें हुईं।

सीडीसी के अनुसार एक लाख में से सबसे ज्यादा 64 हजार मौतें सिन्थेटिक पेनकिलर फेन्टेनिल से हुई हैं। फेन्टेनिल मॉरफिन से लगभग 100 गुना ज्यादा तेज होती है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ड्रग अब्यूज की डॉ. नोरा वोलकॉव के अनुसार महामारी के दौरान लोगों ने पेनकिलर का बहुत अधिक मात्रा में इस्तेमाल किया है।

मृतकों में 70 फीसदी की उम्र 25 से 54 साल के बीच
ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर एनी मिलग्रेम के अनुसार ड्रग ओवरडोज राष्ट्रीय आपदा के समान है। एजेंसियों ने इतनी फेन्टेनिल पकड़ी है, जिसे खाने से 33 करोड़ लोगों की मौत हो जाती। ऑनलाइन और सोशल मीडिया पर फर्जी प्रिस्क्रिपशन से दवाओं की ब्रिकी होती है। पिछले दो महीने के दौरान डीईए ने 800 को गिरफ्तार कर 18 लाख फेन्टेनिल जब्त कीं।

केरोलिना में 11 माह की बच्ची की फेन्टेनिल ओवरडोज से मौत हो गई। उसके अभिभावकों पर केस चल रहा है। लॉस ऐंजिल्स में एक किशोर की भी ओवरडोज से मौत हो चुकी है।

एक किलो के पैकेट में होती है जानलेवा दवा फेन्टेनिल
जानलेवा फेन्टेनिल दवा का शिपमेंट चीन और भारत से एक किलो के पैकेट में होता है। सोशल मीडिया एप स्नेपचैट पर फेन्टेनिल की सप्लाई के कई मामले सामने आए हैं। फेन्टेनिल पाउडर को प्रेस कर पिल्स (गोलियों) में बदल दिया जाता है।

कोरोना पैकेज के रूप में राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 4 अरब डॉलर की घोषणा की है, लेकिन इसका पूरा इस्तेमाल नहीं हो पाया।