भोपाल। रेत खनन और तश्करी के लिए कुख्यात डोरीगंज (छपरा) के थानेदार संजय प्रसाद ने ढाई साल में करोड़ों की संपत्ति बना ली है। इस दौरान उसने अपने वेतन को हाथ तक नहीं लगाया। दरअसल कोइलवर (भोजपुर) और डोरीगंज (सारण) थाना अवैध रेत खनन के लिए कुख्यात रहा है। मामला तब उजागर हुआ जब ईओडब्ल्यू ने उसके कई ठिकानों पर छापेमारी कर बेहिसाब सम्पत्ति का पता लगाया। सोन नदी का पुल पार करते ही बिहार का बालू ‘सोना’ बन जाता है। बालू को बेशकीमती बनाने में संजय प्रसाद जैसे थानेदार की अहम भूमिका होती है।
जांच में सामने आई लाखों की संपत्ति
मंगलवार को आय से अधिक संपत्ति मामले में आर्थिक अपराध शाखा ने संजय प्रसाद के दो ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान 2 लाख 30 हजार नगद और दूसरी संपत्तियों के बारे में जानकारी मिली। जांच में पता चला कि मई 2015 से अक्टूबर 2017 के बीच संजय प्रसाद ने वेतन खाते से एक रुपए की भी निकासी नहीं की। दारोगा के पास आय से 24 लाख 82 हजार 944 रुपए अधिक संपत्ति मिली है। ईओडब्ल्यू के अपर पुलिस महानिदेशक नैय्यर हसनैन खान ने बताया कि गैर कानूनी धंधे में बिचौलियों से सांठ-गांठ कर आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है। मामला आर्थिक अपराध थाने में 25 अक्टूबर को पंजीबद्ध किया गया था।
कैश देकर अपने खाते में पैसे ट्रांसफर कराए
2009 बैच के पुलिस अवर निरीक्षक संजय प्रसाद रेत खनन में वसूली मामले में फंसे हैं। यह मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी और सारण जिले में तैनात रह चुके हैं। सारण के डोरीगंज में तैनाती के दौरान निलंबित किए गए। एडीजी नैय्यर हसनैन खान ने मीडिया को बताया कि संजय की नियुक्ति तिथि 30 जून 2009 है और उनको वेतन मद में लगभग 60 लाख रुपए प्राप्त होना अनुमानित है। संजय प्रसाद ने तैनाती वाली जगहों से पैसे निकाल लिए थे। मई 2015 से अक्टूबर 2017 के बीच वेतन खाते से एक रुपए की भी निकासी नहीं की गई। ईओडब्ल्यू के डीआईजी ने बताया कि संजय ने अपने पद और प्रभाव का दुरुपयोग कर स्थानीय लोगों को नकद रकम देकर उनके खाते से अपने खाते में पैसे भी ट्रांसफर कराए हैं।
30 लाख का खरीदा प्लाट, 11 लाख की बीमा पॉलिसी
आर्थिक अपराध ब्यूरो को जांच में पता चला कि निलंबित थानेदार सजंय प्रसाद ने अपनी पत्नी के नाम से मुजफ्फरपुर के काजी मोहम्मदपुर इलाके में 1725 वर्गफीट जमीन की खरीदी की। जिसके लिए करीब 30 लाख दिए। इनकी पत्नी और इनके बैंक खाते में करीब 7.10 लाख रुपए जमा मिले। जीवन बीमा पॉलिसियों में करीब 11 लाख 24 हजार 914 रुपए का निवेश किया है। ईओडब्ल्यू के मुताबिक संजय की कुल चल-अचल संपत्ति करीब 49 लाख 64 हजार 914 रुपए और कुल अनुमानित खर्च करीब 35 लाख 18 हजार 30 रुपए है। आय के वास्तविक ज्ञात स्रोतों से करीब 24 लाख 82 हजार 944 रुपए अधिक की प्रॉपर्टी मिली है।
ज्यादा की जमीन कम कीमत की बताई गई
संजय के पैतृक आवास बेतिया के साठी थानाक्षेत्र के समहौता गांव में और मुजफ्फरपुर के किराए वाले मकान में ईओयू की टीमों ने छापेमारी की है। तलाशी में 71 लाख रुपए संबंधी दस्तावेज जब्त किए गए। 2 लाख 30 हजार नगद भी मिले। ये पता चला कि मुजफ्फरपुर में जो जमीन खरीदी गई है, उसकी कीमत कम बताई गई। ईओयू के मुताबिक संजय के बैंक खातों को फ्रीज करने की कार्रवाई की जा रही है। जांच में कुछ और चल-अचल संपत्ति की।