केवड़ियां। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह देश के पहले उप प्रधानमंत्री सरदार बल्लभ भाई पटेल की ”यूनिटी ऑफ स्टेच्यू” के पास 146वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि आजादी के बाद सरदार वल्लभभाई पटेल और उनके योगदान को भूलने की कोशिश की गई, लेकिन स्थिति बदल गई और दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा बदली हुई वास्तविकताओं का एक उदाहरण है।

अमित शाह ने आगे कहा ‘आजादी के बाद, उनके योगदान को कभी भी उचित सम्मान नहीं दिया गया। उन्हें न तो भारत रत्न दिया गया और न ही उचित सम्मान। स्थिति बदली। उन्हें भारत रत्न दिया गया था और यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा देखने के लिए हमारे सामने है।”
उन्होंने कहा कि केवड़िया सिर्फ एक जगह का नाम नहीं है, यह एक तीर्थ-राष्ट्रीय एकता और देशभक्ति का मंदिर बन गया है। गृह मंत्री ने कहा, “सरदार पटेल की यह आसमानी मूर्ति दुनिया को संदेश दे रही है कि भारत का भविष्य उज्ज्वल है, कोई भी एकता और अखंडता को नुकसान नहीं पहुंचा सकता है।”

2014 से पटेल की जयंती पर मनाए जाने वाले राष्ट्रीय एकता दिवस के बारे में बोलते हुए, शाह ने कहा कि इसका एक अनूठा महत्व है। “आज का राष्ट्रीय एकता दिवस आजादी का अमृत महोत्सव का दिन है… आजादी के बाद अंग्रेजों ने जाते समय कई टुकड़ों में बांटने की साजिश रची थी। पटेल ने उस साजिश को नाकाम कर दिया और ‘अखंड भारत’ बनाने का संकल्प लिया।”