– ओलंपिक रजत पदक विजेता पहलवान खेल मंत्री से करेंगे गुजारिश, उन्हें खेल रत्न से पहले अर्जुन पुरस्कार दिया जाए
खेल रत्न पुरस्कार पाना हर भारतीय खिलाड़ी का सपना होता है। एक खिलाड़ी ऐसे भी हैं, जिनके नाम की सिफारिश राष्ट्रीय खेल रत्न पुरस्कार के लिए हो चुकी है, लेकिन वे नहीं चाहते कि उन्हें पहले खेल रत्न मिले। टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले नीरज चोपड़ा सहित 11 खिलाड़ियों के नामों की सिफारिश ध्यानंचद खेल रत्न के लिए हुई है। इन्हीं में से एक नाम है रवि दहिया का। टोक्यो ओलंपिक में कुश्ती का रजत पदक जीतने वाले रवि दहिया नहीं चाहते हैं कि उन्हें पहले खेल रत्न मिले। उनकी इच्छा है कि इससे पहले उन्हें अर्जुन पुरस्कार दिया जाए।
इसलिए नहीं चाहते खेल रत्न बनना
रवि दहिया का कहना है कि वे खेल प्राधिकरण और खेल मंत्री से अनुरोध करेंगे कि उन्हें खेल रत्न की बजाय अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया जाए। रवि ने यह इसलिए किया है, क्योंकि वह दोनों पुरस्कारों से सम्मानित होने के इच्छुक हैं। पहले ही साल खेल रत्न मिलने पर उन्हें फिर कभी अर्जुन पुरस्कार नहीं मिल पाएगा।
साक्षी मलिक नहीं बन सकीं अर्जुन
रियो ओलंपिक 2016 में कांस्य पदक जीतने वाली पहलवान साक्षी मलिक को इस साल राजीव गांधी खेल रत्न से सम्मानित किया गया था। अलगे साल साक्षी ने अर्जुन पुरस्कार की मांग की। उन्होंने काफी प्रयास भी किए, लेकिन सबसे पहले ही खेल रत्न मिलने की वजह से उन्हें अर्जुन पुरस्कार नहीं मिल सका। अर्जुन पुरस्कार पाने की साक्षी मलिक की हसरत अधूरी ही रह गई।
इस साल दिया जाएगा ध्यानचंद के नाम से खेल रत्न
इस साल राष्ट्रीय खेल रत्न पुरस्कार मेजर ध्यानचंद के नाम से दिया जाएगा। इससे पहले यह पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न के नाम से दिया जाता था, लेकिन इस साल 29 अगस्त को मेजर ध्यानचंद की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजीव गांधी खेल रत्न का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न कर दिया है।
इतनी राशि मिलती है अर्जुन और खेल रत्न पुरस्कार
सरकार ने इस साल से अर्जुन पुरस्कार और खेल रत्न की अवॉर्ड राशि में भी इजाफा कर दिया है। अर्जुन अवॉर्ड के लिए 15 लाख रुपये तो खेल रत्न अवॉर्ड के लिए राशि 25 लाख रुपये पुररस्कार राशि की गई है। इससे पहले अर्जुन अवॉर्ड विजेता को 5 लाख रुपये नकद राशि और अवॉर्ड मिलता था, जबकि खेल रत्न अवॉर्ड विजेता को 7.5 लाख रुपये, मेडल और सर्टिफिकेट मिलता रहा है।