आज जब दुनिया परमाणु बमों के ढेर पर बैठी है और हर देश महाविनाश के लिए तैयार है। ऐसे में यह खबर जानना आपके लिए बहुत जरूरी है। आज से ठीक 60 साल पहले 30 अक्टूबर 1961 को रूस अमेरिका शीतयुद्ध के जमाने में रूस ने दुनिया के सबसे शक्तिशाली परमाणु बम का परीक्षण किया था। यह परमाणु बम अमेरिका के जापानी शहर हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बम से 3333 गुना ज्यादा शक्तिशाली था और एक झटके में किसी भी महानगर को राख के ढेर में तबदील करने में सक्षम था। यह मानवता की ओर से किया गया, अब तक का सबसे शक्तिशाली विस्फोट था। लेकिन रूस ने इस विस्फोट के फुटेज को करीब 6 दशक तक टॉप सीक्रेट रखा था, लेकिन रोस्तम स्टेट एटोमिक एनर्जी कॉरपोरेशन के 75 साल पूरे होने पर उसे जारी किया था।
इस परमाणु बम का नाम जा बांबा Jaar Bamba (Tsar Bomba) था। इस बम को रूस के एक विमान ने आर्कटिक समुद्र के ऊपर सेवेर्नी द्वीप पर बर्फ में गिराया था। शक्तिशाली कैमरों ने इस विस्फोट का करीब 40 सेकंड तक वीडियो बनाया और उसके बाद यह मशरूम के बादल के रूप में बदल गया। यह करीब 213,000 फुट की ऊंचाई तक गया था। यह परमाणु विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि इसको 1000 किमी दूर से भी देखा गया था।
बड़े से बड़े शहर को राख कर सकता है यह बम
रूसी परमाणु बम की तबाही फैलाने वाली ताकत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसको न्यूयार्क, शिकागो, बीजिंग जैसे शहर पर गिराने पर हर तरफ राख के ढेर दिखाई देगें और एक झटके में 60 लाख लोग खत्म हो जाएंगे। इस जार बांबा बम के धमाके के बाद हिरोशिमा और नागासाकी में गिराए गए परमाणु बमों की कुल क्षमता का 1570 गुना ज्यादा ऊर्जा पैदा होगी। जॉर बांबा से 50 मेगाटन टीएनटी के बराबर विनाश होगा। रूस के इस धमाके के शनिवार को 60 साल पूरे हो गए, लेकिन इसकी गूंज आज भी दुनिया में सुनी जा सकती है। वैश्विक स्तर पर हथियारों की रेस अब नए मुकाम पर पहुंच रही है।
चीन ने बनाया सबसे घातक हथियार
चीन ने अंतरिक्ष में चक्कर काटने वाली मिसाइल दागकर सबको चौंका दिया है। ब्रिटिश इतिहासकार एलेक्स वेल्लेरस्टेन का कहना है कि आज इस बम को लंदन शहर पर गिराया जाय तो करीब 58 लाख लोगों की मौत हो जाएगी। इसका इतना भयानक असर होगा कि लंदन से 9 किमी दूरी तक भारी तबाही मचेगी। इसके विस्फोट से कोई इमारत जमीदोज होने से नहीं बच पाएगी और वहां मौजूद प्रत्येक व्यक्ति की मौत हो जाएगी। इसका हल्का असर करीब 50 किमी दूर तक रहेगा। इस परमाणु बम की विनाशक क्षमता को देखते हुए इसे धरती के खात्मे का हथियार कहा जाता है।