गौतमबुद्धनगर। उत्तर प्रदेश में देश का पहला ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट जल्द ही गौतमबुद्ध नगर जिले के जेवर में शुरू होगा। गुरुवार को पीएम मोदी ने इसका शिलान्यास कर प्रदेश वासियों को बड़ी सौगात दे दी। ये प्रदेश का पांचवा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट होगा। ध्यान देने वाली बात है कि आगले साल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होना है। चुनाव से ऐन पहले पीएम ने प्रदेश को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे और जेवर में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की सौगात दे दी है।
Prime Minister Narendra Modi to inaugurate the Noida International Airport in Gautam Buddh Nagar, shortly.
The PM is accompanied by CM Yogi Adityanath and Union Civil Aviation Minister Jyotiraditya M. Scindia pic.twitter.com/ZIqnFHvhIp
— ANI UP (@ANINewsUP) November 25, 2021
नोएडा का यह अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट एशिया का सबसे बड़ा और दुनिया का चौथा सबसे बड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट होगा और इसी के साथ भारत में उत्तर प्रदेश पांच अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों वाला पहला और अकेला राज्य बन गया है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में यह दूसरा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा होगा। इससे इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर दबाव को कम करने में भी मदद मिलेगी। दरअसल, इस इलाके में पिछले 30-35 वर्षों से इस तरह के एक अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट की मांग की जा रही थी।
पूर्वांचल और बुंदेलखंड की जनता को सौगात देने के बाद गुरुवार को पीएम मोदी पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जनता को सौगात देने के लिए गौतमबुद्धनगर के जेवर पहुंचे। जेवर में उत्तर प्रदेश खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जनता को बड़ी सौगात देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को गौतमबुद्धनगर जिले में प्रदेश के पांचवे अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट का शिलान्यास किया। नोएडा का यह ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट भारत का पहला प्रदूषण मुक्त एयरपोर्ट होगा।
शिलान्यास कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, केंद्रीय मंत्री एस पी सिंह बघेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री और स्थानीय सांसद महेश शर्मा के अलावा प्रदेश सरकार के कई मंत्री, सांसद, विधायक और भाजपा के नेता भी मौजूद रहे।
अगले 3 साल में यानि 2024 तक इस एयरपोर्ट से उड़ान सेवा शुरू हो जाएगी और इसके प्रथम चरण के पूरा हो जाने के बाद 1.2 करोड़ यात्री सालाना यहां से उड़ान भर सकेंगे। इससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर, बुलन्दशहर, अलीगढ़, हापुड़, गाजियाबाद, मेरठ और एनसीआर के इलाके के आस-पास के जिलों में रहने वाले करोड़ो लोगों को फायदा होगा और साथ ही इस इलाके में व्यावसायिक एवं औद्योगिक गतिविधियों में भी तेजी आएगी।
नोएडा अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के प्रथम चरण का विकास 10,050 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया जा रहा है हालांकि इस एयरपोर्ट के निर्माण में 34 से 35 हजार करोड़ रुपए की लागत आने की संभावना है। यह 1300 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फैला है। पहले चरण का निर्माण हो जाने के बाद हवाई अड्डे की क्षमता वार्षिक रूप से 1.2 करोड़ यात्रियों की सेवा करने की हो जायेगी। ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी द्वारा इसका निर्माण किया जा रहा है। पहले चरण का मैदानी काम, यानी भू-अधिग्रहण और प्रभावित परिवारों का पुनर्वास पूरा किया जा चुका है। इसकी वजह से 1 लाख से अधिक लोगों को नौकरी एवं रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। साथ ही इस इलाके के विकास की वजह से 5 लाख लोगों को स्वरोजगार के अवसर मिलने की भी संभावना है।
यह हवाई अड्डा उत्तरी भारत के लिये लॉजिस्टिक्स का द्वार भी बनेगा क्योंकि पहली बार भारत में एकीकृत मल्टी मॉडल कार्गो केंद्र के रूप में किसी हवाई अड्डे को बनाया जा रहा है। समर्पित कार्गो टर्मिनल की क्षमता 20 लाख मीट्रिक टन होगी, जिसे बढ़ाकर 80 लाख मीट्रिक टन कर दिया जायेगा। हवाई अड्डे में ग्राउंड ट्रांस्पोर्टेशन सेंटर विकसित किया जायेगा, जिसमें मल्टी मॉडल ट्रांजिट केंद्र होगा, मेट्रो और हाई स्पीड रेलवे के स्टेशन होंगे, टैक्सी, बस सेवा और निजी वाहन पाकिर्ंग सुविधा मौजूद होगी। इस तरह हवाई अड्डा सड़क, रेल और मेट्रो से सीधे जुड़ने में सक्षम हो जायेगा। नोएडा और दिल्ली को निर्बाध मेट्रो सेवा के जरिये जोड़ा जायेगा। आसपास के सभी प्रमुख मार्ग और राजमार्ग, जैसे यमुना एक्सप्रेस-वे, वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे, ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे, दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे और इस तरह के अन्य एक्सप्रेस-वे को भी हवाई अड्डे से जोड़े जायेंगे। हवाई अड्डे को प्रस्तावित दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल से भी जोड़ने की योजना है, जिसके कारण दिल्ली और हवाई अड्डे के बीच का सफर मात्र 21 मिनट का हो जायेगा।
यह भारत का पहला ऐसा हवाई अड्डा होगा, जहां उत्सर्जन शुद्ध रूप से शून्य होगा। हवाई अड्डे ने एक ऐसा समर्पित भूखंड चिह्न्ति किया है, जहां परियोजना स्थल से हटाये जाने वाले वृक्षों को लगाया जायेगा। इस तरह उसे जंगलमय पार्क का रूप दिया जायेगा। यहां के सभी मूल जंतुओं की सुरक्षा करने के साथ-साथ हवाई अड्डे के विकास के दौरान प्रकृति का पूरा ध्यान रखा जायेगा।