लापरवाही और वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार पर जारी की चेतावनी
वॉशिंगटन। अमेरिकन मीडिया ने भारत में 100 करोड़ कोरोना वैक्सीनडोज की तेज गति पर आश्चर्य ही व्यक्त नहीं किया, बल्कि मोदी सरकार की तारीफ भी की है। हालांकि, अमेरिकी मीडिया ने पिछले कुछ समय से रोजाना वैक्सीनेशन की दर में आई कमी पर चिंता भी व्यक्त की है। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में कोरोना वायरस का संकट अब कम देखा जा रहा है। यहां सात-आठ महीने पहले तक एक दिन में हजारों लोगों की मौत कोरोना से हो रही थी, जो घटकर प्रतिदिन एक हजार से भी नीचे आ गई है।
इस दौरान अमेरिकन मीडिया ने वैक्सीनेशन नीतियों में सुधार करने के लिए भारत की सराहना भी की है। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि मोदी सरकार सौ करोड़ वैक्सीनेशन की कामयाबी जनता के सामने साबित करने में सफल रही है, जिसका मोदी सरकार को राजनीतिक लाभ मिल सकता है। जबकि दूसरी लहर से निपटने की तैयारियों में मोदी सरकार नाकाम नजर आई थी। रिपोर्ट में बताया गया कि दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने जनवरी में अपने भारत के लिए कोवीशील्ड की 10 करोड़ खुराक अलग रखी थीं, लेकिन सरकार ने उस महीने सिर्फ 1.1 करोड़ डोज खरीदे।
इस नीति की सराहना
1. सात महीने पहले रोजाना संक्रमण 42,000 था, जो अब कम कम होकर 11 हजार के आसपास आ गया है। वहीं रोजाना 3 हजार से ज्यादा मौतें हो रही थीं। जो अब कम होकर प्रतिदिन करीब 400 के आसपास आ गई हैं।
2. मार्च 2020 से बंद स्कूल इस महीने फिर खुलने लगे हैं, हालात सामान्य होते नजर आ रहे हैं।
3. भारत सरकार की घर-घर वैक्सीनेशन की योजना है, इससे लोगों को बहुत फायदा मिलेगा।
4. भारत ने 100 करोड़ वैक्सीनेशन का आंकड़ा पूरा किया। यह उपलब्धि असंभव लग रही थी।
चेतावनी की जारी
1. इतनी बड़ी आबादी वाले देश की 25% आबादी ही पूरी तरह वैक्सीनेटेड हो सकी है।
2. कुछ राज्यों में तो वैक्सीनेशन कैंप ही बंद कर दिए गए और सहयोग करने वाले कार्यकर्ताओं से कहा जा रहा है कि अब उनकी जरूरत नहीं है।
3. पॉजिटिव केस कम होने पर लोग बेपरवाह होने लगे हैं, बाजारों, शॉपिंग मॉल, पार्क और सार्वजनिक स्थानों में लोग बिना मास्क खुलेआम घूम रहे हैं।