Bageshwar Dham
Bageshwar Dham

Bageshwar Dham: धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दरबार में क्या नेता, क्या भक्त सब उनके दरबार में हाजिरी लगा रहे हैं। हाल ही में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ बागेश्वर धाम में अपनी हाजिरी लगाने गए। पिछले कुछ वक्त से धीरेंद्र शास्त्री काफी प्रसिद्ध हो गए। इसके पीछे सोशल मीडया का अहम योगदान रहा। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री शहरों में जा-जाकर श्रीराम कथा के साथ अपना दिव्य चमत्कारी दरबार लगाते हैं।

उनके इस दरबार में महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीसव के अलावा केंद्रीय सड़क परिवहन राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी भी पहुंचे थे। इस बीच सोशल मीडिया पर बागेश्वर बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह बता रहे हैं कि किन गलतियों के कारण माता लक्ष्मी रूठ जाती हैं।

इन गलतियों के कारण माता लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं-

बागेश्वर बाबा ने कहा कि जो इंसान ज्यादा गुस्सा करता है उसकी जिंदगी में दरिद्रता फैल जाती है और माता लक्ष्मी रुष्ट हो जाती हैं। इसलिए व्यक्ति को ज्यादा गुस्सा नहीं करना चाहिए।

आगे धीरेंद्र शास्त्री कहते हैं कि बिना नहाए महिलाओं को किचन में प्रवेश नहीं करना चाहिए, ना ही खाना बनाना चाहिए। जिन घरों में रात में किचन में जूठे बर्तन छोड़ दिए जाते हैं, वहां भी माता लक्ष्मी नहीं टिकतीं।

बागेश्वर बाबा ने बताया कि जिन घरों में गुरु, अतिथि, संत, माता-पिता के साथ गलत व्यवहार होता है, वहां से भी माता लक्ष्मी चली जाती हैं।
अगर व्यक्ति के पास पैसा आ भी जाए तो वह टिकता नहीं है। इसलिए हमेशा संत, अतिथि, गुरु और माता-पिता का सम्मान करना चाहिए।

बागेश्वर बाबा ने कहा कि घर की उत्तर दिशा को हमेशा स्वच्छ रखें। यहां कूड़ेदान नहीं रखना चाहिए. जिस घर में उत्तर दिशा में कूड़ेदान या झाड़ू रखी जाती है, वहां कभी लक्ष्मी माता वास नहीं करतीं।

बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि सूरज डूबने के बाद झाड़ू-पोछा नहीं लगाना चाहिए. इससे भी माता लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं और घर में निवास नहीं करतीं।

बिना पूछे लोगों की परेशानियों जानने का दावा करते हैं बाबा-

बिना समस्या बताए लोगों के मन की बात को पढ़ लेना। व्यक्ति को देखकर उसकी भूत, भविष्य और वर्तमान की जानकारी जान लेना फिर समस्या का समाधान भी बता देना। आधुनिक दुनिया में यह चमत्कार बाबा बागेश्वर धाम के नाम से मशहूर धीरेन्द्रकृष्ण शास्त्री करने का दावा करते हैं। इंसान की समस्याओं को उससे बिना पूछे धीरेन्द्रकृष्ण शास्त्री कागज पर लिख देते हैं और बिना बताए ही लोगों के मन की बात भी जान लेते हैं। यह दावा लाखों की संख्या में मौजूद धीरेन्द्रकृष्ण शास्त्री के भक्त करते आए हैं।

भक्तों की मानें तो गुरुजी पर भगवान हनुमान जी की असीम कृपा है, दिव्य दरबार में भगवान हनुमान जी और दिव्य शक्तियों उनको प्रेरणा देती है। मौजूदा वक्त में लाखों लोग देश विदेश से बागेश्वरधाम आ रहे हैं। यह बाला जी को समर्पित भगवान का मंदिर है।

मंदिर के पीछे सेतुलाल गर्ग संन्यासी बाबा की समाधि है-

इस मंदिर के पीछे धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दादा सेतुलाल गर्ग संन्यासी बाबा की समाधि है। इस जगह पर धीरेंद्र गर्ग भी भागवथ कथा का कई बार आयोजन कर चुके हैं। इसके बाद यह मंदिर बागेश्वर धाम के नाम से प्रसिद्ध हो गया। आज के समय लोग अपनी जिंदगी से जुड़ी परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए बागेश्वर धाम आते हैं और बाबा उन्हें उनकी परेशानियों से निजात दिलाने का दावा करते हैं।

बाबा ने गरीबी में गुजारा बचपन-

15 जुलाई 1996 को मध्य प्रदेश के छतरपुर में जन्मे पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का बचपन अति गरीबी में बीता। एक कच्चे मकान में उनका पूरा परिवार रहता था। उनके मां का नाम श्रीमति सरोज और उनके पिता का नाम पंडित श्री रामकृपाल गर्ग है।

बताया जाता है कि वो बचपन से काफी होशियार थे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल में हुई। उनके पिता पुरोहित गिरी के जरिए अपना परिवार चलाते थे। जब गांव में इनके परिवार के चाचा और कुछ लोगों ने पुरोहित गिरी का काम आपस में बांट लिया तो महाराज का परिवार आर्थिक संकट से घिर गया। उनकी माता सरोज को भैंस से दूध बेचकर अपने परिवार का भरण-पोषण करना पड़ा।

बचपन से ही धीरेंद्र शास्त्री लोगों को प्रभावित करने में माहिर हो गए। वो कम उम्र में ही गांव में लोगों के बीच बैठकर कथा सुनाने लगे। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की मानें तो उन्होंने 8-9 वर्ष से ही बागेश्वर बालाजी की सेवा शुरू कर दी थी। जब वो 12-13 वर्ष के थे तो उन्हें यह अनुभव होने लगा कि उनपर बागेश्वर बालाजी की विशेष कृपा है। साल 2009 में उन्होंने अपनी पहली भागवत कथा सुनाई थी।