Mahashivratri Shubh Muhurat: महाशिवरात्रि का त्योहार देशभर में धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस बार महाशिवरात्रि 18 फरवरी के दिन मनाई जाएगी। महाशिवरात्रि की पूजा रात्रि के चार प्रहर में की जाती है और इस दौरान भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए पूजा में कुछ जरूरी सामान होना आवश्यक है।
महाशिवरात्रि के दिन शिव पूजा का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन भोलेबाबा की पूजा करने से व्यक्ति के सभी काम सफल होते है। ऐसी मान्यता है कि हिन्दू धर्म सब देवताओें में भोलेनाथ को प्रसन्न करना बहुत ही आसान है। भोले नाथ को प्रसन्न करने के लिए लोग सोमवार का व्रत भी करते है। क्योंकि सोमवार का दिन भोलेनाथ को समर्पित है। इसके अलावा हर साल महाशिवरात्रि का व्रत भी बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। भगवान शिव को भोले बाबा भी कहा जाता है और भोले बाबा इतने भोले हैं कि अगर आप श्रद्धा भाव से इन्हें एक लोटा जल भी अर्पित कर दें तो वह प्रसन्न हो जाते हैं और आपके सारे कष्ट हर लेते हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है। इस त्योहार का अपना एक खास महत्व है और इस दिन भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए व्रत-उपवास रखने की परंपरा है। इस साल महाशिवरात्रि का व्रत 18 फरवरी 2023, शनिवार के दिन रखा जाएगा।
महाशिवरात्रि के दिन भक्त भोलेनाथ की विधि-विधान से पूजा करते हैं और अपनी इच्छापूर्ति की कामना करते हैं। कहते हैं कि महाशिवरात्रि का व्रत बहुत ही फलदायी है और जो भी श्रद्धाभाव से इस व्रत को रखता है उसकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। महाशिवरात्रि का पूजन रात्रि के चार प्रहर में किया जाता है। आइए जानते हैं चार प्रहर की पूजा का शुभ मुहूर्त।
(Mahashivratri Shubh Mahurat) महाशिवरात्रि 2023 चार प्रहर की पूजा का शुभ मुहूर्त –
महाशिवरात्रि के दिन सुबह के समय भोलेनाथ पर जल चढ़ाया जाता है और फिर रात्रि के चारों प्रहर में पूजा की जा सकती है।
प्रथम प्रहर पूजा मुहूर्त शाम 06ः13 बजे से रात 09ः24 बजे तक
द्वितीय प्रहर पूजा मुहूर्त रात 09ः24 बजे से देर रात 12ः35 बजे तक
तृतीय प्रहर पूजा मुहूर्त देर रात 12ः35 बजे से अगली सुबह 03ः46 बजे तक
चतुर्थ प्रहर पूजा मुहूर्त 19 फरवरी, सुबह 03ः46 बजे से 06ः56 बजे तक
महाशिवरात्रि पूजा सामग्री-
महाशिवरात्रि पर भगवान शिव का पूजा करने के लिए कई चीजों की आवश्यकता होती है। इसमें बेलपत्र, गाय का दूध, गंगाजल, मदार के फूल, धतूरा, भांग, सफेद फूल, पान के पत्ते, सुपारी, जनेऊ, चावल, शक्कर, सफेद बूरा, शहद, इलाइची, लौंग, पांच प्रकार के मौसमी फल, फूल, माला, शमी के पत्ते, केसर, इत्र, सफेद चंदन, पूजा के लिए आसन, पांच प्रकार की मिठाई, गन्ने का रस, सूजी का हलवा आदि शामिल हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती का विवाह हुआ था। ऐसे में इस दिन महादेव और मां गौरी की पूजा अर्चना करने भक्तों के जीवन के सभी दुख दूर होते हैं। कहते हैं कि महाशिवरात्रि के दिन अगर भगवान शिव की प्रिय चीजों का घर ले आया जाए, तो इससे व्यक्ति की सभी समस्याएं दूर होती हैं। साथ ही, भगवान का आशीर्वाद मिलता है।
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महाशिवरात्रि के दिन ये चीजों का घर लाए-
चांदी के नंदी: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नंदी को भगवान शिव का वाहन माना जाता है। ऐसे में महाशिवरात्रि के दिन घर में चांदी के नंदी की स्थापना करना शुभ बताया गया है।
रत्नों का शिवलिंग: शिवलिंग का जलाभिषेक किए बिना महाशिवरात्रि की पूजा अधूरी मानी जाती है। अगर किसी व्यक्ति को ग्रहों से जुड़ी समस्या हो रही है, तो महाशिवरात्रि के दिन रत्नों से जुड़े शिवलिंग को घर लाया जा सकता है।
एक मुखी रुद्राक्ष: भगवान शिव का प्रिय रुद्राक्ष की उत्पत्ति महादेव के आंसुओं से हुई थी। कहते हैं रुद्राक्ष शांति और समृद्धि का प्रतीक होता है। कहते हैं कि इसे तिजोरी में रखने से धन की कमी नहीं होती ।
तांबे के कलश से भगवान शिव का जलाभिषेक-
तांबे का कलश: कहते हैं कि इस दिन तांबे के कलश से भगवान शिव का जलाभिषेक करने से वे जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। कहते हैं कि घर में लड़ाई-झगड़ों से निजात पाने के लिए तांबे का कलश रखना शुभ माना जाता है।
पारद शिवलिंग: ज्योतिष शास्त्र में पारद शिवलिंग को स्थापित करने का विशेष महत्व बताया गया है। इसे घर में स्थापित करने से पितृ दोष, कालसर्प दोष, वास्तु दोषों से मुक्ति मिलती है।