मुंबई । बॉलीवुड के खिलाड़ी अक्षय कुमार का वक्त शायद ठीक नहीं चल रहा हैं। लगातार उनकी फिल्मों को दर्शकों द्वारा खारिज किया जा रहा है। पिछले साल अक्षय कुमार की ‘बच्चन पांडे‘, ‘सम्राट पृथ्वीराज‘, ‘रक्षाबंधन‘, ‘कठपुतली‘ और ‘राम सेतु‘ सिनेमाघर के साथ-साथ ओटीटी पर कुछ खास नहीं कर पाईं थी। इनमें से दो फिल्में ‘बच्चन पांडे‘ और ‘कठपुतली‘ साउथ फिल्मों की रीमेक थी। बावजूद इसके अक्षय लगातार रीमेक फिल्में कर रहे हैं।
एक और रिमेक लेकर आए अक्षय
अक्षय कुमार और इमरान हाशमी की फिल्म ‘सेल्फी‘ भी साल 2019 में आई मलयालम फिल्म ‘ड्राइविंग लाइसेंस‘ की रीमेक है। वैसे भी बॉलिवुड में आजकल साउथ सिनेमा की रीमेक फिल्मों का कल्चर जोरों पर है। पिछले हफ्ते कार्तिक आर्यन की फिल्म ‘शहजादा‘ रिलीज हुई थी, जो कि तेलुगू सुपरस्टार अल्लू अर्जुन की सुपरहिट फिल्म ‘अला बैकुंठपुरमलो‘ की हिंदी रीमेक थी।
‘सेल्फी‘ की कहानी
आरटीओ इंस्पेक्टर ओमप्रकाश अग्रवाल (इमरान हाशमी) फिल्म सुपरस्टार विजय कुमार (अक्षय कुमार) का बहुत बड़ा फैन है। अपनी एक फिल्म की शूटिंग के सिलसिले में विजय कुमार भोपाल आया हुआ है, जहां पर ओमप्रकाश रहता है। फिल्म की शूटिंग की मंजूरी के लिए विजय कुमार को अपने ड्राइविंग लाइसेंस की कॉपी जमा करनी है, लेकिन आखिरी वक्त पर उसे पता चलता है कि उसका लाइसेंस खो गया है। विजय का जबरदस्त फैन होने के नाते ओमप्रकाश जल्द लाइसेंस बनवाने में उसकी मदद करता है। लाइसेंस लेने आरटीओ ऑफिस पहुंचा विजय, वहां मीडिया को देख भड़क जाता है और ओमप्रकाश को उसके बेटे के सामने बेइज्जत करता है।
कहानी यहां से पलटती है और विजय का सबसे बड़ा फैन ओमप्रकाश अब उसका सबसे बड़ा दुश्मन बन जाता है। इसी बीच ओमप्रकाश के घर पर कुछ गुंडे पथराव कर देते हैं, तो उसे लगता है कि यह सब विजय ने करवाया है। अब वह साफ कर देता है कि विजय को ड्राइविंग लाइसेंस चाहिए, तो उसे आम आदमी की तरह आरटीओ आकर सारे टेस्ट देने होंगे। आगे एक सुपरस्टार और उसके सबसे बड़े फैन की जंग का क्या अंजाम होता है? यह जानने के लिए आपको सिनेमाघर जाना होगा।
‘सेल्फी‘ का रिव्यू
इस फिल्म को देखकर आपको एक बार को 2016 में आई शाहरुख खान की फिल्म ‘फैन‘ की याद आ जाएगी। उसमें शाहरुख का सबसे बड़ा फैन उनका सबसे बड़ा दुश्मन बन जाता है। उस फिल्म में शाहरुख ने अपना और अपने फैन का डबल रोल किया था। हालांकि यह फिल्म उससे कई मायने में अलग है। फिल्म का पहला हाफ काफी इंटररेस्टिंग है और आपको एक मसालेदार फिल्म की उम्मीद जगाता है, लेकिन अफसोस है कि सेकंड हाफ में फिल्म की कहानी में उतना दम नजर नहीं आता।
क्लाइमैक्स काफी कमजोर है
अक्षय और इमरान की ‘सेल्फी‘ का क्लाईमैक्स काफी कमजोर है। हालांकि डायरेक्टर राज मेहता ने फिल्म में कॉमेडी से लेकर एक्शन तक सारे मसाले डालने की कोशिश की है, लेकिन कमजोर स्क्रिप्ट के कारण वह एक अच्छी फिल्म बनाने में कामयाब नहीं हो पाए।
अक्षय कुमार ने इस फिल्म में सुपरस्टार के रोल में ठीक-ठाक एक्टिंग की है। जबकि इमरान हाशमी कुछ सीन्स में अच्छे लगे हैं। नुसरत भरुचा और डायना पेंटी के पास इस फिल्म में करने के लिए कुछ खास नहीं है। फिल्म के गाने खास नहीं है। फिल्म की शुरुआत और आखिरी में दो आइटम नंबर जरूर फैंस को क्रेजी करते हैं।