नई दिल्ली। कोरोना के दूसरे वेव की तबाही के बाद दिल्ली और एनसीआर ने अभी खुलकर सांस लेना शुरू ही किया था कि दिवाली के बाद बढ़ते वायु प्रदूषण ने देश की राजधानी का दम घोंटना शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि दिल्ली में हर रोज 15 फीसदी के करीब सांस की समस्या से जूझ रहे मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं। बात सोमवार को एयर क्वालिटी की करें तो पहले से स्थिति में सुधार है पर वो सुधार नाकाफी है।

डॉक्टर्स की मानें तो बुजुर्ग और बच्चे प्रदूषण के मुख्य शिकार हैं। लंबे समय तक उच्च पीएम 2.5 के स्तर के संपर्क में रहने से फेफड़ों की कार्य करने की क्षमता कमजोर हो जाती है। दिल्ली में रविवार को हवा की गुणवत्ता में मामूली सुधार हुआ और यह शनिवार के ‘गंभीर’ से ‘बेहद खराब श्रेणी’ में पहुंच गई। वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली के पूवार्नुमान के अनुसार, एक्यूआई कम से कम मंगलवार तक बहुत खराब श्रेणी में बना रहेगा।