गंगटोक । सिक्किम की राजधानी गंगटोक से मंगलवार को एक बड़ी खबर सामने आ रही है। यहां दोपहर में एवलांच (हिमस्खलन) हुआ है। बताया जा रहा है कि इस घटना में 6 टूरिस्ट की मौत हो गई और 150 लोगों के बर्फ में फंसे होने की खबर है। मरने वालों में चार पुरुष, एक महिला और एक बच्चा शामिल है। यह घटना दोपहर करीब 12ः20 बजे गंगटोक को नाथु ला दर्रे से जोड़ने वाले जवाहरलाल नेहरू मार्ग पर हुई है।
6 टूरिस्ट की मौत, 11 घायल
सिक्किम के नाथुला इलाके में मंगलवार को हुए एक भीषण हिमस्खलन हुआ है। इस हादसे में छह पर्यटकों की मौत हो गई, जबकि 11 अन्य घायल हो गए। पुलिस के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि हादसे की सूचना के बाद घायलों को राज्य की राजधानी गंगटोक के अस्पताल लाया जा रहा है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यहां बताया कि बचाव अभियान जारी है।
हिमस्खलन जवाहरलाल नेहरू मार्ग पर दूरी की जानकारी देने वाले 14वें शिला स्तंभ के समीप मंगलवार तड़के हुआ, जिसके चलते 25-30 पर्यटक फंस गए। अधिकारियों ने बताया कि सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की ओर से जल्द ही बचाव अभियान शुरू किया गया और अब तक 22 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। इनमें से छह को एक गहरी घाटी से निकाला गया।
350 लोग और 80 वाहन रास्ते पर फंसे
अधिकारियों ने बताया कि करीब 350 लोग और 80 वाहन रास्ते पर फंसे गए थे क्योंकि नाथुला से आने वाले मार्ग को बर्फ ने जाम कर दिया था। इन लोगों और वाहनों को भी वापस ले आया गया है।
चीन सीमा से लगा है नाथुला दर्रा
नाथुला दर्रा चीन से लगी सीमा पर स्थित है और यह अपनी मनोरम सुंदरता के कारण पर्यटकों का एक बड़ा आकर्षण केंद्र है।
14वें माइलस्टोन पर हुआ हादसा
हादसे वाले इलाके में 13वें माइलस्टोन तक जाने का पास जारी किया जाता है। इसके आगे जाने की परमिशन नहीं होती। बताया जा रहा है कि सैलानी जवाहरलाल नेहरू मार्ग पर 14वें माइलस्टोन तक चले गए और यहीं हादसा हो गया। बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन ने तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। 22 लोगों को बचाया गया है। इनमें से 6 को गहरी घाटी से निकाला गया।
एवलांच की भविष्यवाणी संभव नहीं
अब तक वैज्ञानिक ये भविष्यवाणी करने में सक्षम नहीं हैं कि हिमस्खलन कब और कहां होगा। वे बस बर्फ के ढेर, तापमान और हवा की कंडीशन से हिमस्खलन के खतरे का अनुमान लगा सकते हैं। बर्फ में स्कीइंग वाले कुछ इलाकों में एवलांच कंट्रोल टीमें तैनात होती हैं।
कुछ स्कीइंग वाले इलाकों के गश्ती दल हिमस्खलन रोकने के लिए विस्फोटकों का इस्तेमाल करते हैं। वे किसी भी खतरनाक ढलानों को तोप से उड़ा देते हैं, ताकि किसी ढीले या नए बर्फ के ढेर को हिमस्खलन बनने से रोका जा सके। कनाडा और स्विट्जरलैंड के ऊंचे पहाड़ों पर हिमस्खलन कंट्रोल के लिए स्पेशल मिलिट्री तैनात होती है। स्विट्जरलैंड में कई पहाड़ी गांवों में घरों को बर्फ के ढेर से बचाने के लिए मजबूत ढांचे लगाए जाते हैं।