महाराष्ट्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट का झटका, राज्य मंत्रि-परिषद ने दी थी प्रस्ताव को मंजूरी

मुंबई। सुप्रीम कोर्ट ने स्थानीय निकाय चुनावों में अन्य पिछडा वर्ग के उम्मीदवारों को 27 फीसदी आरक्षण देने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले पर रोक लगा दी है। महाराष्ट्र मंत्रि-परिषद ने गत 23 सितंबर को ही आरक्षण देने संबंधी अध्यादेश के मसौदे में बदलाव के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।

सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में राज्य के निर्वाचन आयोग को भी निर्देश जारी करते हुए कहा है कि ट्रिपल टेस्ट का पालन किए बिना अध्यादेश लाने का राज्य सरकार का फैसला स्वीकार करने योग्य नहीं है। न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार की पीठ ने कहा कि आयोग की स्थापना किए बिना 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण लागू नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार चाहे तो सामान्य वर्ग समेत अन्य आरक्षित सीटों के लिए शेष चुनाव कार्यक्रम पर आगे बढ सकती है।

सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल मार्च में भी राज्य के कुछ स्थानीय निकायों में ओबीसी आरक्षण को इसी आधार पर रोक दया था। कोर्ट ने कहा था कि कुल आरक्षण 50 फीसदी से अधिक नहीं होना चाहिए। उल्लेखनीय है कि नगरीय निकायों और जिला परिषदों के चुनाव में अब तक 27 फीसदी आरक्षण मिलता रहा है। महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने आंध्रप्रदेश और तेलंगाना की तर्ज पर अध्यादेश के जरिए ओबीसी आरक्षण लागू करने का फैसला लिया था।