केंद्र द्वारा प्रस्तावित कृषि कानून को रद्द कराने और एमएसपी गारंटी कानून बनाने की मांग कर रहे किसानों को बीजेपी के राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने दारूबाज कह डाला। इसके बाद जांगड़ा को किसानों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। दरअसल सांसद नारनौंद में विश्वकर्मा समाज की धर्मशाला का शिलान्यास करने पहुंचे थे।

धक्का मुक्की तक पहुंची नौबत 
इसी बीच सांसद और किसानों के बीच बहस के चलते विवाद बढ़ गया और नौबत धक्का-मुक्की तक पहुंच गई। बताया जा रहा है कि विवाद के दौरान जांगड़ा की गाड़ी का अगला शीशा टूट गया। विरोध कर रहे किसानों को पुलिस ने खदेड़ने के लिए किसानों पर लाठीचार्ज भी किया है। इस लाठीचार्ज में कई किसान घायल हुए हैं और कई किसानों को पुलिस ने हिरासत में लिया है।

किसानों ने दिखाए काले झंडे
दरअसल राज्यसभा सांसद जांगड़ा दीपावली पर रोहतक के महम में कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे। उनके बयानों के चलते जांगड़ा का किसानों ने काले झंडे दिखाकर विरोध किया। भारी विरोध की आशंका को देखते हुए जांगड़ा का कार्यक्रम स्थल बदलना पड़ा। बाद में की श्रीकृष्ण गोशाला में पत्रकारों ने किसानों के विरोध पर सवाल किया तो वे सब कुछ कहने के बाद बोले इस मामले में मैं कोई टिप्पणी नहीं करुंगा।

इस कारण हुआ विवाद
जांगड़ा की पत्रकारों से बातचीत का एक वीडियो वायरल हुआ है। पत्रकारों के सवाल के जवाब में सांसद बोल रहे हैं कि वो तो निकम्मे लोग हैं। गांव में दारूबाज और निकम्मे, निठल्ले लोग ही हैं। यह लोग ने तो घरवालों के बस के और न गांववालों के। वह बैड एलिमेंट हैं और बैड ही रहेंगे। माना जा रहा है कि जांगड़ा के इसी बयान के चलते किसानों ने उनका विरोध किया है।

पहले भी दे चुके हैं विवादित बयान
सांसद रामचंद्र जांगड़ा का किसानों पर ये कोई पहला बयान नहीं है। इसी साल 20 मार्च को उन्होंने आंदोलन में शामिल किसानों को मुफ्त की दारू और मुफ्त की रोटियां तोड़ने वाला बताया था। जिसके बाद फरमाणा के किसान कश्मीर सिंह सहारण ने महम थाने में इस पर उनके खिलाफ शिकायत भी दी थी। जांगड़ा ने स्पष्टीकरण दिया कि वो किसानों को लेकर नहीं बोले, असली किसान तो खेतों में काम कर रहे हैं।