नासिक । नासिक के येओला तालुका में प्याज की खेती करने वाले एक किसान कृष्णा डोंगरे ने सोमवार को 1.5 एकड़ में तैयार 125 क्विंटल फसल को आग के हवाले कर दिया। डोंगरे ने कहा कि उसने अपनी उपज को आग लगाने का फैसला किया क्योंकि वह जानता था कि उसे स्थानीय कृषि उपज बाजार समिति (एपीएमसी) में प्याज की सही कीमत नहीं ले पाएगी। टीओआई के मुताबिक डोंगरे ने कहा कि उन्होंने मतुलथन गांव में 1.5 एकड़ में प्याज लगाया था और उपज बढ़ाने के लिए 1.5 लाख रुपये से अधिक खर्च किए थे।
लागत नहीं निकलती, इसलिए लगा दी आग
डोंगरे ने कहा, ‘मेरी फसल कटाई के लिए तैयार थी, लेकिन मुझे इसकी कटाई के लिए खेतिहर मजदूरों को लगाना पड़ता। इससे मुझे 35,000 रुपये अतिरिक्त खर्च करने पड़ते। फिर प्याज को थोक बाजार में ले जाने की लागत आती है। थोक बाजार में प्याज की कीमतें देखते हुए, मैं फसल काटने वाले श्रमिकों की लागत भी नहीं वसूल पाता। इसलिए, मैंने फसल को आग लगा दी।’
‘प्याज किसानों को अनुदान की जरूरत’
उन्होंने आगे कहा, ‘प्याज की थोक कीमतें गिर गई हैं। वर्तमान में, अधिकांश किसानों को प्याज के लिए 2 रुपये से 4 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच मिल रहा है। राज्य सरकार को उन प्याज किसानों को 1,500-2,000 रुपये प्रति क्विंटल का अनुदान देने की जरूरत है, जिन्होंने पिछले एक साल में अपनी उपज बेची है।’
‘किसान उत्पादन लागत तक नहीं वसूल पा रहे’
एपीएमसी में प्याज का औसत थोक मूल्य 26 दिसंबर, 2022 को 18 रुपये प्रति किलोग्राम से गिरकर अब जिले में 5 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है। महाराष्ट्र प्याज उत्पादक संघ के अध्यक्ष भरत दिघोले ने कहा कि एक किलोग्राम प्याज उगाने में कम से कम 18 रुपये का खर्च आता है, लेकिन किसान उत्पादन लागत तक नहीं वसूल पा रहे हैं।
सरकार हमारी जमीन खरीद ले : किसान
देओला तालुका के मालवाड़ी गांव के निवासियों ने सोमवार को एक बैठक की और सरकार से उनके खेत खरीदने का अनुरोध करने का फैसला किया। यहां के किसान प्याज और अन्य सब्जियां उगाते हैं, लेकिन वे अपनी उत्पादन लागत नहीं निकाल पा रहे हैं। एक किसान, संदीप बच्चाव ने कहा, ‘गांव में 534 हेक्टेयर खेती की जमीन है और यहां के 90 प्रतिशत किसान प्याज उगाते हैं। हम निराश हैं और भारी कर्ज के बोझ से दबे हुए हैं। हम चाहते हैं कि सरकार हमारी जमीन खरीद ले।’