नई दिल्ली। ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर डॉक्टर और वैज्ञानिक अभी तक कई सवालों के जवाब ढूंढने में सफल रहे तो कुछ सवाल अभी भी अनसुले हैं। दक्षिण अफ्रीका में मिला कोरोना का ये नया वैरिएंट एक महीने से कम समय में ही पूरी दुनिया के लिए परेशानी का कारण बन गया है।
इस वैरिएंट पर कई अध्ययन हो चुके हैं और कई जारी हैं। इनसे पता चला है कि ये वैरिएंट संक्रमण से पनपी इम्यूनिटी को तो मात दे ही सकता है, इसके अलावा फुली वैक्सीनेटेड लोग भी इसकी चपेट में आ सकते हैं। इस बारे में दुनिया के एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं?
- कितना खतरनाक है अभी कहना मुश्किल
WHO की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन का कहना है कि डेल्टा वैरिएंट से भारत में सबसे ज्यादा मौतें हुई थीं। लेकिन अभी इसकी जानकारी सामने नहीं आई है कि ओमिक्रॉन, डेल्टा वैरिएंट से कितना ज्यादा खतरनाक है और कितनी तेजी से फैलता है। दक्षिण अफ्रीका में जो लोग इससे संक्रमित हुए हैं, उनमें से कुछ वैक्सीनेटेड थे।
- सबसे ज्यादा खतरनाक वैरिएंट
अमेरिका के व्हाइट हाउस के चीफ मेडिकल एडवाइजर और संक्रमण रोग विशेषज्ञ डॉ. एंथनी फाउसी ने ओमिक्रॉन वैरिएंट से सचेत रहने की चेतावनी दी है। कैलिफोर्निया में ओमिक्रॉन का पहला केस मिला उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन, डेल्टा वैरिएंट समेत अन्य वैरिएंट से ज्यादा खतरनाक हो सकता है। - ओमिक्रॉन संक्रमित को नहीं जाना होगा अस्पताल
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. रमन गंगाखेडकर ने बताया कि नए वैरिएंट के बारे में फिलहाल ज्यादा जानकारी नहीं है, लेकिन शुरुआती रिपोर्ट से पता चला है कि इससे संक्रमित होने पर अस्पताल में एडमिट होने की जरूरत नहीं आई है। उन्होने कहा, हल्के लक्षणों को रोका नहीं जा सकता है, क्योंकि नए-नए वैरिएंट लगातार आते रहेंगे। - इम्युनिटी को मात देने में सक्षम
दक्षिण अफ्रीकी रिसर्चर्स और साइंटिस्ट ने बताया नवंबर में कोरोना के केसों में अचानक तेजी आई। केसों की रफ्तार बीटा और डेल्टा वैरिएंट के फैलने से भी ज्यादा थी। ज्यादातर केस ऐसे थे, जो पहले से ही कोरोना संक्रमण का शिकार हो चुके थे। इन केसों में तीन चौथाई में नया वैरिएंट मिला। यानी ये कोरोना संक्रमण से उपजी इम्यूनिटी को भी मात दे सकता है।