नई दिल्ली। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए विपक्ष की कमान को लेकर कांग्रेस लीडरशिप पर सवाल उठाया है। प्रशांत ने कहा, जो पार्टी पिछले एक दशक में 90 प्रतिशत चुनाव हार चुकी है, उसका विपक्ष के नेतृत्व पर कोई दैवीय अधिकार नहीं हो सकता।

प्रशांत किशोर ने गुरुवार को एक ट्वीट में कहा, कांग्रेस जिस विचारधारा और स्पेस का प्रतिनिधित्व करती है, वह एक मजबूत विपक्ष के लिए काफी अहम है, लेकिन विपक्ष के नेतृत्व का फैसला लोकतांत्रिक तरीके से होने दें।

पीके की ममता को विपक्ष का नेता प्रोजेक्ट करने की रणनीति
पश्चिम बंगाल में हुए विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर ने ममता बनर्जी का चुनावी कैंपेन मैनेज किया था। इस चुनाव में ममता बनर्जी की जीत हुई थी। जीत के बाद बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दिल्ली और मुंबई का दौरा कर पार्टी के विस्तार में लगी हैं। राजनीतिक पेक्षकों का मानना है कि ममता बनर्जी को विपक्ष की नेता के तौर पर प्रोजेक्ट करने लिए प्रशांत किशोर काम कर रहे हैं।

ममता बनर्जी ने कहा थायूपीए का कोई अस्तित्व नहीं
पश्चिम बंगाल और टीएमसी प्रमुख की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दो दिन के मुंबई दौरे पर थीं। दो दिनों के दौरान उन्होंने शिवसेना और एनसीपी के नेताओं से मुलाकत की है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार से मिलने के बाद ममता ने बुधवार को एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि यूपीए कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन का अब कोई अस्तित्व नहीं है।

शरद पवार और ममता के बीच को चुकी है मुलाकात
शरद पवार और ममता के बीच बुधवार को करीब एक घंटे तक बातचीत हुई थी। इसके बाद ममता बनर्जी ने मीडिया के सामने कहा था, राहुल गांधी पर दो टूक अंदाज में तंज कसा। उन्होंने राहुल का नाम लिए बिना कहा था कि अगर कोई कुछ करता नहीं है और विदेश में रहता है तो कैसे चलेगा। इसीलिए हमें कई दूसरे राज्यों में विपक्ष का आधार बढ़ाने जाना पड़ रहा है।