नई दिल्ली/चेन्नई। तमिलनाडु में बुधवार 8 दिसंबर को सेना के 14 अधिकारियों को ले जा रहा Mi-17V-5 हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। शुरुआती रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस हेलिकॉप्टर में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, अपने स्टाफ और परिवार के सदस्यों के साथ सवार थे। सुलूर स्थित आर्मी बेस से उड़ान भरने के तुरंत बाद ही यह हेलिकॉप्टर नीलगिरी में क्रैश हो गया। रूस द्वारा निर्मित इस हेलिकॉप्टर की सवारी भारतीय प्रधानमंत्री भी करते हैं। यह हेलिकॉप्टर दुनिया का सबसे आधुनिक और सुरक्षित हेलिकॉप्टर है।

यह दो इंजन बाला बहुउद‌देश्यीय हेलिकॉप्टर
Mi-17V-5 रूस में बना दो इंजन वाला यह बहुउद‌्देश्यीय हेलिकॉप्टर है। इसका निर्माण रूसी कंपनी मिल मॉस्को हेलिकॉप्टर प्लांट, कजान हेलिकॉप्टर प्लांट और उलान-उडे एविएशन प्लांट द्वारा किया जाता है। Mi-17V-5 हेलिकॉप्टर MI-8 हेलिकॉप्टर का उन्नत संस्करण है।

प्रतिकूल मौसम के लिए उपयुक्त है यह हेलिकॉप्टर
यह हेलिकॉप्टर अधिक ऊंचाई और पर्यावरणीय प्रदर्शन के मामले में Mi-8 का उन्नत संस्करण है। इस हेलिकॉप्टर को खासतौर पर अधिक ऊंचाई पर गर्म मौसम में उड़ाये जाने के लिए बेहतर क्षमताओं के लिए डिजाइन किया गया है।

वीआईपी से लेकर आर्मी तक करते हैं इस्तेमाल
यह हेलिकॉप्टर दुनिया का सबसे नवीन ट्रांसपोर्ट हेलिकाप्टरों में से एक है। इसे सेना और हथियारों के ट्रांसपोर्टेशन, फायर सपोर्ट, रक्षक दल की गश्ती और सर्च-एंड-रेस्क्यू (SAR) जैसे मिशनों में भी तैनात किया जा सकता है। साथ ही इसे कार्गो ट्रांसपोर्ट के लिए डिजाइन किया गया है। इसकी खासियत ये है कि इसका इस्तेमाल प्रधानमंत्री से लेकर आर्मी ऑपरेशन तक में होता है।

तीन क्रू के साथ 36 सैनिकों को ले जाने में सक्षम
यह हेलिकॉप्टर मिलिट्री के लिए तीन क्रू के साथ 36 सैनिकों को ले जा सकता है। यह 36000 किलो तक का भार उठा सकता है। इस वीवीआईपी के लिए तैयार किए गए विशेष हेलिकॉप्टर में 20 लोग सवार हो सकते हैं। वीपीआईपी के मॉडिफाई किया गए हेलिकॉप्टर में टायलेट भी होता है। दुनिया के करीब 60 देश 12 हजार से ज्यादा इस हेलिकॉप्टर इस्तेमाल करते हैं।

भारत ने रूस के साथ 1.3 बिलियन का करार किया
भारत के रक्षा मंत्रालय ने 80 Mi हेलिकॉप्टर के लिए रूप के साथ 1.3 बिलियन का करार किया था। भारतीय एयरफोर्स को Mi हेलिकॉप्टर्स की डिलिवरी 2011 में शुरू हुई थी और 2013 में 36 Mi सीरीज हेलिकॉप्टर्स मिले थे। हालांकि रक्षा मंत्रालय ने 2012-13 के दौरान 71 Mi-17V-5 का आर्डर दिया था। भारत को Mi-17V-5 अंतिम खेप जुलाई 2018 में मिली थी।