नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नेशनल वॉर मेमोरियल पहुंचकर स्वर्णिम विजय मशालों के स्वागत तथा सम्मान समारोह में भाग लिया और युद्ध् में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। मोदी ने श्रद्धांजलि समारोह के दौरान चार मशालों की ज्वाला को वॉर मेमोरियल पर प्रज्वलित अमर जवान ज्योति के साथ समाहित किया।
पिछले प्रधानमंत्री ने श्रद्धांजलि समारोह के दौरान चार मशालों की ज्वाला को वॉर मेमोरियल पर प्रज्वलित अमर जवान ज्योति नमन किया। पिछले वर्ष इसी दिन 16 दिसंवर को प्रधानमंत्री ने यह ज्योति प्रज्वलित की थी। पीएमओ के अनुसार इन मशालों को देश के अलग-अलग हिस्सो में ले जाया गया। इनमें 1971 की जंग के परमवीर चक्र और महावीर चक्र विजेता सैनिकों के गांव भी शामिल हैं। यह मशाल देश भर में सियाचिन से कन्याकुमरी, अंडमान निकोबार से लोंगेवाला, रण कच्छ और अगरतला तक ले जाए गए थे।
योद्धाओं के साहस और बलिदान को याद करने का दिन
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि स्वर्णिम विजय दिवस पर हम 1951 के युद्ध के दौरान अपने सैनिकों के साहस और बलिदान को याद करते हैं। भारत के सैन्य इतिहास का साहस1971 स्वर्णिम अध्याय है। हमें सेनाओं और उनकी उपलब्धियों पर गर्व है। 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया था
बांग्लादेश को पाकिस्तान के कब्जे से आजाद कराया था
आज के दिन भारत ने बांग्लादेश को आजादी दिलाई थी। बांग्लादेश पहले पाकिस्तान का हिस्सा था जिसे पूर्वी पाकिस्तान के नाम से जाना जाता है। भारत पाकिस्तान पर भारत की विजय और बांग्लादेश के गठन के तौर पर मनाया जाता है। भारत पाकिस्तान के इस युद्ध में पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया था।