दिल्ली| लखीमपुर खीरी की हिंसक घटना की चर्चा एक बार फिर से शुरू हो गई है। कांग्रेस सांसदों ने बुधवार को लोकसभा में केन्द्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को हटाने की मांग की। लखीमपुर की घटना को एसआईटी की रिपोर्ट में ‘पूर्व नियोजित’ वारदात बताया गया है। सदन में राहुल गांधी ने पार्टी के मुख्य सचेतक के सुरेश और मनिकम टैगोर के साथ मिलकर टेनी को हटाने के लिए दबाव डाला। दरअसल टेनी के बेटे पर उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को चार किसानों को जीप से कुचलने का आरोप है। इस घटना का वीडियो भी सामने आया था।

इस वजह से संसद में बवाल
दरअसल मंगलवार को, एसआईटी की एक रिपोर्ट की वजह से नया सियासी बवाल शुरू हुआ है। लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) के समक्ष एक आवेदन दायर कर हिंसा में शामिल 13 आरोपियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज करने को कहा।

जांच अधिकारी की रिपोर्ट ये बातें
लखीमपुर की हिंसा में एक जीप किसानों को रौंदते हुए आगे बढ़ते एक वीडियो में नजर आई थी। अब इस घटना की जांच एसआईटी कर रही है। एसआईटी के जांच अधिकारी विद्याराम दिवाकर ने सीजेएम की अदालत में आईपीसी की धारा 279, 338 और 304 ए की जगह वारंट में नई धाराएं जोड़ने के लिए आवेदन किया था। अपने आवेदन में, जांच अधिकारी ने कहा था कि “घटना सुनियोजित और एक जानबूझकर की गई साजिश के तहत रची गई थी”।