नई दिल्ली। भारत की राजधानी दिल्ली जब दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में पहले नंबर पर है। ऐसे में यहां के छोटी उम्र के दो सगे भाइयों ने कुछ ऐसा कर दिखाया कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया। ये 17 साल के विहान और 14 साल के नव अग्रवाल जिन्हें पिछले दिनों नीदरलैंड के द हेग में इंटरनेशनल बाल शांति पुरस्कार दिया गया। इन्हें ये पुरस्कार वायु प्रदूषण के खिलाफ उठाए गए सराहनीय कदम के लिए मिला है। दिल्ली में बढ़ते हुए प्रदूषण को देखते हुए नव और विहान ने ‘वन स्टेप ग्रीनर’ प्रोजेक्ट की शुरूआत की। इस प्रोजेक्ट में उन्होंने बताया कि किस तरह अपने घर के कचरे को रिसाइकिल करते हुए पेड़ लगाकर ग्रीनरी बहाल कर सकते हैं।

अस्थमा ने दिया प्रदूषण से लड़ने का होसला
विहान को बचपन से ही अस्थमा की शिकायत थी और शहर की खराब एयर लेवल के कारण वह अक्सर बीमार हो जाते थे। इस कारण दोनों भाई घर से बाहर खेलने भी नहीं जा पाते थे। विहान के अस्थमा ने दोनों भाइयों को शहर में फेल रहे प्रदूषण का हल निकालने के प्रेरित किया। प्रदूषण के बीच की कड़ी को समझने के बाद दोनों भाइयों ने ‘वन स्टेप ग्रीनर’ प्रोजेक्ट को शुरू किया।

धीरे-धीरे अभियान से जुड़ते गए लोग
वन स्टेप ग्रीनर प्रोजेक्ट में बताया है कि किस तरह घर के कचरे को रिसाइकिल करते हुए पेड़ लगाकर ग्रीनरी बढ़ाई जाती है, जिससे घर का एयर लेवल सही बना रहता है। ‘वन स्टेप ग्रीनर’ अभियान की शुरुआत 15-20 घरों से हुई और आज एक हजार से अधिक घर, स्कूल और कार्यालय इस अभियान में जुड़ चुके हैं। दोनों भाइयों ने अब तक दिल्ली के सैकड़ाभर स्कूल और 40,000 से ज्यादा लोगों को ‘वन स्टेप ग्रीनर’ अभियान के बारे में बताया और प्रदूषण से लड़ने के लिए आवश्यक जानकारी दी है।