High Cholesterol
High Cholesterol

अनहेल्दी लाइफस्टाइल के कारण लोगों में कोलेस्ट्रॉल की समस्या देखने का मिल रही है। कोलेस्ट्रॉल एक गंदा पदार्थ है जो खून की नसों में जमा होता है। इसका लेवल अधिक होने से आपको दिल के रोग, नसों के रोग, हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी गंभीर और जानलेवा बीमारियां हो सकती हैं। कोलेस्ट्रॉल खून में मौजूद वैक्स जैसा पदार्थ होता है।

(Cholesterol) कोलेस्ट्रॉल दो तरह का होता है-

कोलेस्ट्रॉल जब बढ़ता है तो यह धमनियमों में चिपकने लगता है। जिससे दिल तक बल्ड का फ्लो कम हो जाता है। इससे दिल की बीमारियां, हार्ट टैक का खतरा बढ़ जाता है। कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर हाथ-पैर पर असर दिखने लगता है। कभी -कभी इससे नाखून भी फटने लगता हैं। कोलेस्ट्रॉल दो तरह का होता है। गुड कोलेस्ट्रॉल और बैड कोलेस्ट्रॉल कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से आपको दिल का दौरा आ सकता है, चिंता की बात यह है कि इसके कोई विशेष लक्षण नहीं होते हैं, हालांकि कुछ संकेत या लक्षण आपके चहरे पर दिख सकते हैं, जिन्हें आपको नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ना और इससे होने वाली समस्याएं आम होती जा रही हैं। शरीर के बेहतर कामकाज के लिए अच्छे कोलेस्ट्रॉल की जरूरत होती है लेकिन शरीर में गंदा कोलेस्ट्रॉल कई गंभीर और जानलेवा बीमारियों को जन्म देता है। जिसमें दिल के रोग, खून से जुड़े रोग, हार्ट अटैक और स्ट्रोक आदि हैं।

वैसे तो कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कोई खास लक्षण महसूस नहीं होते हैं लेकिन कुछ संकेत हैं जो चेहरे पर दिखते हैं। इन लक्षणों के महसूस होने पर तुरंत अपनी डाइट और जीवनशैली में बदलाव करना चाहिए वरना आपको हार्ट सहित कई गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

(High Cholesterol Symptoms) उच्च कोलेस्ट्रॉल के लक्षण-

पैरों में होने वाली ऐंठनऐं

पैरों में होने वाली ऐंठनऐं सबसे पहला लक्षण है। पैरों की मसल्स में अचानक से ऐंठनऐं आ जाती है। जिसके कारण काफी ज्यादा दर्द का सामना करना पड़ता है। इस समस्या का सामना तब करना पड़ता है, जब आपकी बॉडी रेस्ट मोड में होती है। कभी-कभी लंबी नींदनीं के बाद जागने के बाद होता है। यह समस्या आमतौर पर ब्लडफ्लो में दिक्कत के कारण होती है। इससे नसों का रंग भी बदलने लगता है। इसका मुख्य कारण धमनियों में बैड कोलेस्ट्रॉल का जमना है। इससे हाथ-पैरों में सूजन भी आ जाती है।

त्वचा का रंग बदलना-

अमेरिकन अकैडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी के अनुसार, अगर आपकी त्वचा के किसी हिस्से का रंग हल्का पीला या नारंगी रंग नजर आ रहा है, तो इसका मतलब है कि आप कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ रहा है। इसका मतलब यह है कि आपकी त्वचा के नीचे कोलेस्ट्रॉल जम रहा है। इसमें दर्द नहीं होता है और यह त्वचा के किसी भी हिस्से में हो सकता है।

कुछ लोगों को ठंड लगने पर त्वचा पर ऐसा पैटर्न दिखाई देता है। हालांकि त्वचा गर्म होने पर यह गायब हो जाता है। अगर आपको त्वचा पर अक्सर ऐसा कुछ दिख रहा है, तो यह संकेत है कि आपकी खून की नसें कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ने से ब्लॉक हो रही हैं। मेडिकल भाषा में इसे कोलेस्ट्रॉल एम्बोलिजेशन सिंड्रोम कह जाता है, जो तब होता है जब छोटी धमनियां ब्लॉक हो जाती हैं।

मोम जैसी गांठ बनना-

अगर आपको अपने चेहरे या त्वचा के किसी भी हिस्से में मोम की तरह दिखने वाली छोटी गांठ नजर आ रही है, तो यह संकेत है कि आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ रहा है। इस तरह की गांठ आंखों के कोने, हथेलियों पर, पैरों के नीचे या पीठ पर कहीं भी नजर आ सकती है।

पसीना निकलना

किसी भी मौसम में जरूरत से ज्यादा पसीना आना हाई कोलेस्ट्रॉल का लक्षण हो सकता है। अगर आपको ऐसी समस्या हो, तो डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं।

नाखूनों पर असर

बैड कोलेस्ट्रॉ ल का लेवल जब ज्यादा बढ़ जाता है तो इसका असर नाखूनों पर दिखाई देने लगता है। इससे नाखूनों में डार्क लाइन बनने लगती है। कभी-कभी नाखून फटने भी लगते हैं।

लिचेन प्लेनस-

यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें त्वचा पर या मुंह के अंदर खुजली वाले दाने हो जाते हैं। एक रिपोर्ट में शोधकर्ताओं ने माना है कि ऐसा हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल की वजह से हो सकता है। इसमें त्वचा पर बैंगनी या लाल धब्बे होते हैं जिनमें खुजली हो सकती है। वे चेहरे सहित शरीर पर कहीं भी दिखाई दे सकते हैं, लेकिन कलाई, हाथ, पीठ और टखनों पर मौजूद होने की सबसे अधिक संभावना है।

त्वचा के इन रोगों का कारण भी है कोलेस्ट्रॉल-

एक रिपोर्ट में बताया गया है कि हाई कोलेस्ट्रॉल की वजह से त्वचा से जुड़ी कई समस्याएं जैसे हिस्टियोसाइटोसिस, ग्रैनुलोमा एनुलारे और पेम्फिगस वल्गेरिस या पेम्फिगस फोलियासेस भी हो सकती हैं। कई बार त्वचा रोगों में इस्तेमाल होने वाली कुछ दवाएं भी ट्राइग्लिसराइड्स और कोलेस्ट्रॉल बढ़ा सकती हैं।

कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए क्या करें-

मेयोक्लिनिक की रिपोर्ट के अनुसार, आप अपनी डाइट में कुछ बदलाव करके कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकते हैं और साथ ही इससे आपके हृदय स्वास्थ्य में भी सुधार हो सकता है। सैचुरेटेड फैट कम करें। रेड मीट और फैट वाले डेयरी उत्पादों में यह पाया जाता है। ट्रांस फैट से तौबा कर लें।
ओमेगा -3 फैटी एसिड से भरपूर चीजों का सेवन करें। अपने खाने में घुलनशील फाइबर बढ़ाएं। अपनी डाइट में व्हे प्रोटीन शामिल करें।

लहसुन : हर रोज, सुबह उठकर लहसुन की एक कली खाने से हाई कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद मिलेगी।

खट्टे फल : अंगूर, स्ट्रॉबेरी और ब्लूबेरी जैसे खट्टे फल पेक्टिन से भरपूर होते हैं। सिट्रस फलों में एक प्रकार का घुलनशील फाइबर पाया जाता है जो खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। आप रोज सुबह के अपने नाश्ते में इन फलों को शामिल कर सकते हैं

ब्राउन राइस: बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए आपको अपनी डाइट में ब्राउन राइस को शामिल करना चाहिए। ब्राउन राइस शुगर लेवल को भी कम करने में मदद करता है। इसके अलावा ब्राउन राइस खाने से आपके शरीर का वजन भी नहीं बढ़ता है।

फाइबर रिच फूड्स: मछली, नट्स, चिया सीड, कद्दू के बीज आदि में भरपूर मात्रा में ओमेगा-3(Omega 3) पाया जाता है। इन फूड्स को अपनी डाइट में शामिल करें। इसके अलावा जिन चीजों में बहुत ज्यादा मात्रा में फाइबर पाया जाता है, उन्हें अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं।

यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है।