Constipation Treatment: कब्ज एक ऐसी समस्या है जिसके कारण मरीज का पेट ठीक से साफ नहीं होता और शौच के दौरान काफी दिक्कतें आती हैं। लम्बे समय तक कब्ज की समस्या रहने से कई और बीमारियां होने का खतरा रहता है। अगर आप भी कब्ज की समस्या से परेशान है तो इससे बचने के लिए आप घरेलू चीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
आजकल की लाइफस्टाइल ऐसी हो गई है कि लगभग हर एक व्यक्ति को कब्ज की परेशानी से पीड़ित है। आयुर्वेद के अनुसार, शरीर का संतुलन वात, पित्त, कफ दोषों पर निर्भर करता है। इनमें हुए असंतुलन के कारण शरीर रोगों से घिर जाता है। खान-पान एवं जीवनशैली में लापरवाही के कारण जब जठराग्नि मन्द हो जाती है, तथा आहार सही समय पर ठीक प्रकार से नहीं पचता।
इससे शरीर के दोष असंतुलित तथा दूषित होकर रोग उत्पन्न करते हैं। कब्ज में मुख्यतः वात दोष की दुष्टि होती है, जिस कारण मल सूखा एवं कठोर हो जाता है। सही समय पर मलत्याग नहीं हो पाता। इसके लिए आपको किचन की कुछ चीजों का इस्तेमाल करना होगा।
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(Kabz Door Karne Ke Upay) कब्ज के घरेलू उपाय
दही और अलसी का पाउडर: दही को पेट की सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है, इसमें मौजूद बिफीडोबैक्टीरियम लैक्टिस नामक प्रोबायोटिक डाइजेशन को बेहतर बनाने में अहम रोल अदा करता है। इसमें अगर अलसी के बीजों को मिक्स करेंगे तो शरीर को सॉल्युएबल फाइबर मिलेगी, जिससे मल सॉफ्ट होकर आसानी से बाहर आ सकेगा।
आंवला का जूस: आंवला न सिर्फ हमें कब्ज से राहत दिलाता है, बल्कि कई परेशानियों को भी दूर करने में मदद करता है। आप सुबह खाली पेट 30 मिलीग्राम आंवले के जूस को पानी के साथ मिलाकर पी जाएं. इससे जल्द आराम मिलेगा।
जई का चोकर: जई का चोकर में सॉल्युएबल और इनसॉल्युएबल दोनों तरह के फाइबर भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, इससे कब्ज से राहत मिलती हैं और इंटेस्टाइन का फंक्शन बेहतर हो जाता है। इसे डेली डाइट में जरूर शामिल करें।
घी और दूध: घी को ब्यूटिरिक एसिड का एक रिच सोर्स माना जाता है जो इंटेस्टाइन के मेटाबॉलिज्म में सुधार करता है और मल को बाहर निकालने में मदद करता है। आप कब्ज को दूर करने के लिए एक कप गर्म दूध में एक चम्मच घी मिक्स कर लें।
हरी पत्तेदार सब्जियां-
हरी पत्तेदार सब्जियों की मदद से भी कब्ज से राहत पाई जा सकती है, इसके लिए आप ब्रोकोली, पालक और ब्रसेल्स स्प्राउट्स जैसी चीजें खाएं। इनमें फाइबर के अलावा विटामिन सी और फोलेट भी पाया जाता है, जो इंटेस्टाइन के फंक्शन को बेहतर बनाते हैं।
पानी पिए: अगर आप दिनभर में सही मात्रा में पानी पीते हैं, तो इससे कब्ज को दूर करने में मदद मिलती है। जो लोग ऐसा नहीं करते उनको पेट की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए फाइबर वाले फूड्स के साथ पर्याप्त पानी का सेवन जरूर करें।
कब्ज होने के कारण-
भोजन में रेशेदार आहार की कमी होना।
मैदे से बने एवं तले हुए मिर्च-मसालेदार भोजन का सेवन करना।
पानी कम पीना या तरल पदार्थों का सेवन कम करना।
समय पर भोजन ना करना।
रात में देर से भोजन करना।
देर रात तक जागने की आदत।
अधिक मात्रा में चाय, कॉफी, तंबाकू या सिगरेट आदि का सेवन करना।
भोजन पचे बिना ही दोबारा भोजन करना।
चिन्ता या तनावयुक्त जीवन जीना।
हार्मोन्स का असंतुलन या थायराइड की परेशानी होना।
अधिक मात्रा में या लम्बे तक दर्द निवारक दवाइयों का इस्तेमाल करना।
कब्ज के लक्षण-
पेट में दर्द एवं भारीपन रहना।
पेट में गैस बनना।
मल का सख्त एवं सूखा होना।
सिर में दर्द रहना।
बदहजमी
बिना श्रम के ही आलस्य बने रहना।
पिण्डिलियों में दर्द रहना।
मुंह से दुर्गन्ध आना।
कब्ज के कारण मुँह में छाले होना भी एक आम समस्या है।
त्वचा में मुँहासे या फुंसियाँ होना।