Influenza Virus
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H3N2 Influenza Virus: भारत में इन दिनों H3N2 वायरस का प्रकोप देखने को मिल रहा है। अस्पताल में मरीजों की लंबी-लंबी कतार लगी है। इस मौसमी इंफ्लूएंजा से सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है। इस  वायरस को देखते हुए केंद्र सरकार की तरफ से सभी राज्यों को तैयारी करने के निर्देश दिए गए हैं।

H3N2 इन्फ्लुएंजा एक संक्रामक बीमारी है, जो खांसी या छींक की बूंदों के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल सकता है। इस वायरस से गर्भवती महिलाओं, छोटे बच्चों, बुजुर्ग वयस्कों और या फिर पहले से किसी चिकित्सा समस्याओं से जूझ रहे व्यक्तियों को संभलकर रहने की जरूरत है।

घबराने की जरूरत नहीं है,  सावधानी बरतें-

हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, इन्‍फ्लूएंजा वायरस (Influenza Virus) हर साल कई लोगों को अपनी चपेट में लेता है। इसके लक्षण कोविड से मिलते-जुलते हैं, इस लिहाज से लोग पैनिक हो रहे हैं। हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि सावधानी बरतने में ही भलाई है। आप सावधानी रखकर इस मौसमी फ्लू से बच सकते हैं।

IMA इंडियन मेडिकल असोसिएशन की मानें तो इस वायरस की चपेट में आने वाले ज्यादातर लोगों की उम्र या तो 15 साल से कम है या फिर 50 साल से ज्यादा। इसके अलावा जिन लोगों को डायबिटीज, बीपी, अस्थमा, हार्ट प्रॉब्लम, वीक इम्यून और न्यूरोलॉजिकल संबंधी समस्या है उनके लिए भी यह खतरे की घंटी है।

वायरस लगातार खांसी और सांस की लक्षणों सहित कई अन्य दिक्कते भी लेकर आ रहा है। लोगों में फ्लू के लक्षणों के अलावा कुछ और प्रमुख कारण भी देखने को मिल रहे हैं, जैसे कि गर्म मौसम में तेजी से अत्यधिक ठंड लगना।

WHO के अनुसार, H3N2 इन्फ्लुएंजा ए वायरस का एक उपप्रकार है जो मुख्य रूप से मनुष्यों को प्रभावित करता है। चलिए जानते हैं इस वायरस के क्या-क्या लक्षण हैं और किन लोगों को इससे सबसे ज्यादा खतरा है।

H3N2 इन्फ्लूएंजा के लक्षण- खांसी, बुखार, ठंड लगना, जी मिचलाना, उल्टी करना, गले में खराश/गले में दर्द, दस्त, बहती नाक, छींक आना।

गंभीर मामलों में, संक्रमित व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई, सीने में दर्द/बेचैनी, खाना निगलने में कठिनाई और लगातार बुखार का अनुभव हो सकता है। अगर आप, आपके परिवार में या आस-पास कोई इन लक्षणों का अनुभव कर रहा है, तो तुरंत चिकित्सीय सहायता लें। ये लक्षण पांच से सात दिनों तक बने रहते हैं।

जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट-

H3N2 के मरीजों को ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है। डॉक्टर के मुताबिक, सावधानी रखकर आप इस वायरस से बच सकते हैं। इसलिए घबराने की बजाय, सही चीजों पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

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डॉक्टर के पास कब जाएं-

दो हफ्तों से अधिक समय तक खांसी रहने पर डॉक्टर के पास जाएं।

ऑक्सीजन लेवल 93 से कम होने पर डॉक्टर के पास जाएं।

सांस लेने में लगातार तकलीफ हो तो डॉक्टर से संपर्क करें।

बच्चों में इन लक्षणों पर ध्यान दें-

तेज बुखार

पेट दर्द और लूज मोशन

लंबे समय तक कफ का बनना

खांसी जुखाम

लगातार उल्टी

बुजुर्गों में इन लक्षणों पर ध्यान दें-

ज्यादा समय तक कफ का होना

छाती में दबाव

2 दिन से ज्यादा सर्दी खांसी

हर वक्त थकान महसूस करना

पेट में भारीपन और लूज मोशन

प्रेग्नेंट लेडीज इन लक्षणों पर ध्यान दें-

प्रेग्नेंसी के दौरान काफी कॉम्प्लीकेशन्स होती है। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को इन अगर ये लक्षणों दिखे तो उन्हें तुरंत सावधानी बरतने की जरूरत है।

तीन दिन से ज्यादा बुखार

इम्युनिटी कम

ब्रोंकाइटिस के लक्षण

खांसी जुकाम

ऐसे लक्षणों के दिखते ही आपको तुरंक गाइनोकॉलोजिस्ट से तुरंत संपर्क करना चाहिए। कोशिश करें कि बाहर का खाना बिल्कुल ना खाएं और बच्चे के मूवमेंट पर नजर रखें। इसके अलावा बाहरी लोगों के संपर्क से बचें और बराबर मास्क और हैंड सेनिटाइजर का उपयोग करें।

इन्फ्लुएंजा A H3N2 से बचाव-

फिल्हाल इस संक्रमण के लिए कोई निश्चित उपचार नहीं है। हालांकि, इससे बचाव के लिए आपको मास्क का उपयोग करना चाहिए।

खुद को हाईड्रेटेड रखें।

खांसी या छींक आने पर मुंह को ढकें।

बार-बार अपने नाक और आंखों को छूने से बचें।

नमक और गुनगुने पानी का गरारा करें।

भीड़-भाड़ वाली जगह पर जाने से बचें।

बुखार और बदन दर्द होने पर डॉक्टर की सलाह से पैरासीटामॉल लें, लेकिन एंटीबायोटिक लेने से बचें।

इसके अलावा अन्य समस्या होने पर या कोई भी दवा का सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर से संपर्क अवश्य करें।