Holi Colors Purity Check : होली का त्योहार आने में कुछ दिन ही बाकी है। इस साल होलिका दहन 7 मार्च को है और 8 मार्च (Holi 2023 Date) को रंग वाली होली खेली जाएगी। देशभर में होली के पर्व को अधिक धूमधाम से मनाया जाता है। होली रंगों का त्योहार है, इस दिन लोग एक दूसरे को रंग गुलाल लगाकर होली की बधाई देते हैं। होली खेलना हर किसी को पसंद होता है, लेकिन कई बार हम अपने स्किन को लेकर चिंतित रहते हैं कि क्योंकि इन दिनों मार्केट में मिलने वाली लगभग सभी रंग और गुलाल कैमिकल वाली अवेलेवल है।
हमें हर्बल कलर बोलकर मिलावट वाली गुलाल दे दी जाती है। होली रंगो का त्यौहार है ऐसे में होली पर असली और नकली दोनों ही तरह के गुलाल मिलते है मगर दोनों में अंतर करना मुश्किल होता है तो आज हम आपको बताने जा रहें है असली और नकली गुलाल में पहचान करने का तरीका।
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सूंघ कर करें पहचान-
जब आप रंग खरीदने जाए तो एक इसे सूंघ कर जरूर देखें अगर कहीं किसी तरह के केमिकल या पेट्रोल की गंध आ रही है तो उस रंग को बिलकुल भी न खरीदे।
पानी में घोल कर-
रंग के असली या नकली की पहचान आप पानी के जरिए भी कर सकते हैं। इसके लिए थोड़ा सा रंग लेकर उसे पानी में घोल लीजिए। अगर रंग पानी में नहीं घुलता तो समझ जाइये कि उसमें केमिकल मिला है।
चमक से –
रंग खरीदते वक्त ध्यान रखे कि कहीं उसमें चमकदार कण तो नहीं दिख रहे हैं। अगर ऐसा है तो हो सकता है कि उसमें शीशे की मिलावट की गई है। दरअसल, नेचुरल रंगों में किसी तरह की कोई चमक नहीं होती है।
मिलावटी रंगों से हो सकती हैं ये परेशानियां-
वही दुकानों में कई मिलावटी रंगो की बिक्री होती है ऐसे में वो रंग बहुत ही सस्ते मिलते है तथा उनमे गुलाल डीजल, इंजन ऑयल, कॉपर सल्फेट एवं सीसे जैसे हानिकारक पदार्थ मिलाए जाते है जो हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाते है। इन रंगो को खलेने से चक्कर, सिरदर्द और सांस लेने में दिक्कतें जैसी कई परेशानियां होती है।
साथ ही सेहत और शरीर दोनों पर ही इसका बुरा प्रभाव होता है। मिलावटी रंगों के इस्तेमाल से आपको स्किन एलर्जी हो सकती है। इसकेअलावा चक्कर, सिरदर्द और सांस लेने जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। मिलावटी रंगों में होने वाले खतरनाक रसायन की वजह से कैंसर औरअस्थमा जैसी गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं।