Anoop Jalota honored 40 families
Anoop Jalota honored 40 families

भोपाल। पद्मश्री अनूप जलोटा को सुनने के लिए बड़ी संख्या में श्रोता समन्वय भवन पहुंचे। मौका था, पद्मश्री रवींद्र जैन के गीतों की शाम का। कार्यक्रम का आयोजन आरके क्रिएशंस द्वारा किया गया। इस मौके पर अनूप जलोटा ने ऐसी लागी लगन, रंग दे चुनरिया, वो काला एक बांसुरीवाला जैसे गीत सुनाए।

इस मौके पर अंगदान के प्रति जागरूकता के लिए कार्य करने वाले किरण फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में अंगदान व देहदानी 40 परिवारों के निस्वार्थ योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मानसरोवर ग्रुप के गौरव तिवारी ने अंगदान व देहदान करने वाले परिवार के बच्चों के स्कूल की पढ़ाई का खर्च उठाने की घोषणा की।

वहीं, पद्मश्री गायक अनूप जलोटा द्वारा अंगदान के प्रति जागरुकता के लिए किरण फाउंडेशन द्वारा किए जा रहे उत्कृष्ट कार्यों की प्रशंसा की। किरण फाउंडेशन की ओर से डॉ. राकेश भार्गव, सुधीर श्रीवास्तव, कमल सलूजा, डॉ. उमेश पटेल, जयमाला पटेल व रवि आदि सदस्यों ने सहभागिता की। फाउंडेशन के इस जागरूकता मिशन से प्रभावित होकर 2000 से अधिक लोगों ने अंगदान करने के संकल्प पत्र भरे। ।

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अनूप जलोटा ने कहा: मैं सम्राट नहीं हूं, मेरे भजन सम्राट तो पिता जी है

भोपाल। मैं सम्राट नहीं हूं, मुझे तो गाना ही नहीं आता ठीक से। मेरे भजन सम्राट तो पिता जी है। यह कहना है पद्मश्री भजन सम्राट अनूप जलोटा का। जो कि सोमवार को एक म्यूजिकल कार्यक्रम के लिए भोपाल आए हुए थे। इस दौरान आईएम भोपाल से बातचीत में जीवन से जुड़े अनुभव शेयर किए। उन्होंने कहा कि मैं सिंगर बनने आए था। लेकिन एक जगह नहीं रुका मैंने कव्वाली, गजलें और भजन भी गाए। लोगों को मेरा भजन ज्यादा अच्छा लगा तो वह मुझे भजन सम्राट कहने लगे।

गजलों में कमी आ गई है-

अनूप ने कहा कि आज की जनरेशन उनको ठीक से हिंदी नहीं आती है तो वह उर्दू कहां से आएगी। यही वजह है कि गजल अब कम होती जा रही है। वहीं उन्होंने कहा कि अब गाने इसलिए भी अच्छे बनाए नहीं जाते की वह लंबे समय तक चले, इसलिए बनाए जाते हैं कि फिल्म चल सके।

पहले के समय गानों पर ज्यादा काम किया जाता था, इसलिए अभी भी पुराने गानों को पसंद किया जा रहा है। साथ ही आज के समय फिल्मों को ध्यान में रखते हुए गाने बनाए जा रहे है। टाइप कास्ट के सवाल पर कहा कि मैंने बॉलीवुड में भी आने गए हैं। साथ ही मेरे सिंगल गाने भी है। लेकिन मन भगवा है, मन संत है।

शिर्डी के साईं बाबा फिल्म में तीन गाने गाए थे-

अनूप कहते हैं कि मेरे कॅरियर का टर्निंग पाइंट शिर्डी के साईं बाबा फिल्म में तीन गाने गाए थे, जिसके बाद से मुझे लोगों के बीच पहचान मिली। उसके बाद लगातार काम मिलता गया। वहीं भजन से दूर हो रहे बच्चे के सवाल पर उन्होंने कहा कि माता-पिता, बच्चों को टाइम नहीं दे रहे है, ऐसे में बच्चे संस्कृति से दूर हो रहे है।

माता-पिता को बच्चों के साथ बैठकर उन्हें रामचरित्र मानस, कथा सुनाए, भगवत गीता की जानकारी देना चाहिए। उन्होंने कहा कि कैमरे के पीछे काम करने में ज्यादा मजा आता है। मैंने कई फिल्म पहले बनाई है, अभी वेब सीरीज पर काम कर रहा हूं। साथ ही उन्होंने कहा कि बिग बॉस मेरे लिए हॉलीडे था, जहां मुझे 2 महीने रुकने के पैसे भी मिले और मुझे फिर से बुलाया जाएगा तो मैं जरूर जाऊंगा।