भोपाल। नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले एक आरोपी को न्यायालय ने 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही आरोपी पर दो हजार रूपए का जुर्माना भी लगाया गया है। यह फैसला 18वें जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो अधिनियम) पदमा जाटव की अदालत ने सुनाया है।
मामले में शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक टी.पी. गौतम, सरला कहार एवं गुंजन गुप्ता द्वारा की गई है। बिलखिरिया थाने में दर्ज प्रकरण में न्यायालय ने पीड़िता के बयान, माता-पिता के कथन और मेडिकल साक्ष्यों के आधार पर आरोपी को पॉक्सो एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में दोषी पाते हुए उक्त सजा सुनाई है।
यह है पूरा मामला –
लोक अभियोजक के अनुसार, मामले में पीड़िता ने माता-पिता के साथ 14 दिसंबर 2021 को थाने पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वह कक्षा दसवीं में पढ़ाई करती है और इंस्टाग्राम के जरिए आरोपी से उसकी मुलाकात हुई थी। आरोपी ने द्वारा शादी करने की बात कही जाती थी और वह मिलने के लिए घर भी आता था। 13 अप्रेल 2021 की रात करीबन 1:00 बजे वह घर आया और जबरदस्ती गलत काम किया। जब इसका विरोध किया तो धमकाया कि वह पूरे गांव में बदनाम कर देगा। जिसके बाद धमकाकर कई बार दुष्कर्म करता रहा।
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भ्रष्ट उप-पंजीयक की संपत्ति राजसात करने के आदेश
भोपाल। आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के एक मामले में न्यायालय ने भ्रष्ट उप-पंजीयक की संपत्ति राजसात किए जाने के आदेश जारी किए हैं। सप्तम जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश डॉ. धर्मेन्द्र टाडा की अदालत ने भोपाल के तत्कालीन उप पंजीयक सोबरन सिंह अपौरिया पिता हरबन सिंह अपौरिया की संपत्ति से 94 लाख 61 हजार 922 रूपए का अधिहरण किए जाने के आदेश दिए हैं।
मामले में न्यायालय ने पाया कि आरोपी सोबरन सिंह अपौरिया ने अपने शासकीय पद पर पदस्थ रहते हुऐ सिविल सेवा आचरण के नियम 1965 का पालन न करते हुऐ आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है। मामले में शासन की ओर से पैरवी उपसंचालक अभियोजन एवं विशेष लोक अभियोजक राजकुमार उईके द्वारा की गई।
यह है पूरा मामला –
लोक अभियोजक के अनुसार, लोकायुक्त द्वारा सोबरन सिंह के भोपाल स्थित मकान, परि बाजार कार्यालय भोपाल तथा इंदौर के विजय नगर स्थित आवास की तलाशी ली गई थी। जहां मिले दस्तावेजों के आधार पर यह पाया गया था कि सोबरन सिंह अपौरिया ने उप-पंजीयक के पद पर रहते हुए 2 मई 1997 से अपने अधिकारों का दुरूपयोग कर संपत्ति अर्जित की।
उसने इस कमाई से पुत्र, पुत्री एवं पत्नि के नाम से भोपाल, इंदौर में मकान, वाहनों सहित चल-अचल संपत्ति खरीदी। वह आय से अधिक संपत्ति के मामले में लोकायुक्त पुलिस को कोई संतोषजनक उत्तर या दस्तावेज भी प्रस्तुत नहीं कर पाया था।