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भोपाल। भारत के मुस्लिम युवकों को डर दिखाकर जिहादी बनाने के लिए प्रेरित करने वाले आतंकवादियों के खिलाफ एनआईए ने गुरुवार को भोपाल की विशेष अदालत में पूरक चालान प्रस्तुत किया है। जांच और चार्जशीट में एनआईए ने बताया है कि पश्चिम बंगाल में पकड़ा गया आतंकवादी ही बांग्लादेश के आतंकवादियों को अवैध तरीके से बार्डर पार कराता था।

चार आतंकवादियों को ऐशबाग से गिरफ्तार किया गया था-

14 मार्च 2022 को भोपाल शहर के ऐशबाग थाना क्षेत्र में एक फ्लैट लेकर किराये से रहकर मध्यप्रदेश सहित देशभर में आतंकी गतिविधियों को बढ़ाने और भारत के मुस्लिम युवकों को डर दिखाकर जिहादी बनाने के लिए प्रेरित करने वाले आतंकवादियों के खिलाफ एनआईए ने गुरुवार को भोपाल की विशेष अदालत में पूरक चालान प्रस्तुत किया है। जानकारी के अनुसार 14 मार्च को बांग्लादेश के प्रतिबंधित जमात-उल-मुजाहिदीन (जेएमबी) के चार आतंकवादियों को ऐशबाग से गिरफ्तार किया गया था।

इसके बाद एक करोंद और एक विदिशा से उनके मददगार गिरफ्तार किए गए थे। एक आतंकवादी को एनआईए ने कोलकाता से गिरफ्तार किया है। सभी आरोपियों के खिलाफ चालान प्रस्तुत किया जा चुका है। गुरुवार को पूरक चालान में तीन आतंकवादियों का नाम है। जांच और चार्जशीट में एनआईए ने बताया है कि पश्चिम बंगाल में पकड़ा गया आतंकवादी ही बांग्लादेश के आतंकवादियों को अवैध तरीके से बार्डर पार कराता था। इसके बाद वह असम, बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश तक पहुंचाने में मदद करता था। इसके साथ ही भोपाल और विदिशा से गिरफ्तार किए गए कथित दोनों आतंकी बांग्लादेशी आतंकवादियों की मदद करते थे। उनके विचारों को वे स्थानीय मुस्लिम युवाओं में पहुंचाते थे।

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मूल चालान में एनआईए ने बताया था कि ये आतंकवादी इतने हाईटेक तरीके से अपना नेटवर्क चलाते थे कि वे एक एप्लीकेशन साफ्टवेयर के जरिए बांग्लादेश में बैठे अपने आकाओं से बात करते थे। उस साफ्टवेयर में जो आतंकी एडमिन होता था, उसी की परमिशन से ही जुड़ सकते थे।

 धार्मिक शिक्षा के नाम पर ये आतंकवादी स्थानीय युवाओं को जोड़ते थे-

उसे महीनों तक देश की खुफिया एजेंसिया भी पता नहीं चला था। पूरक चालान में बांग्लादेशी आतंकवादियों द्वारा पुराने व छेड़छाड़ कर बनाए गए वीडियो दिखाकर उन्हें बताया जाता था कि भारत में मुस्लिम युवकों के साथ मारपीट कर प्रताडि़त किया जाता है, ताकि वे अपने कौम के युवकों के खिलाफ जुल्म करने वालों से बदला लेने के लिए जिहादी बनने को तैयार हो जाए। धार्मिक शिक्षा के नाम पर ये आतंकवादी स्थानीय युवाओं को जोड़ते थे और उनका ब्रेनवॉश करते थे।

CONCLUSION

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